Hindi English
Login

AIIMS दिल्ली में आज से बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू, जल्द वैक्सीन मिलने की उम्मीद

एम्स दिल्ली आज से वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू करने जा रहा है. कुछ दिन पहले एम्स पटना में भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी मिलने के बाद बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू हो गया है.

Advertisement
Instafeed.org

By Asna | खबरें - 07 June 2021

एम्स दिल्ली आज से वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू करने जा रहा है. कुछ दिन पहले एम्स पटना में भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी मिलने के बाद बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू हो गया है. वहीं 11 मई को, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने बच्चों पर वैक्सीन के मानव परीक्षण को मंजूरी दी.

ये भी पढ़े:MP: Black Fungus के इंजेक्शन से रिएक्शन, 27 मरीजों की तबीयत बिगड़ी

{{img_contest_box_1}}

एम्स दिल्ली में आज से बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू

एम्स दिल्ली यह जांचने के लिए वैक्सीन का मानव परीक्षण करने जा रहा है कि यह 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए उपयुक्त है या नहीं. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि अधिक से अधिक लोगों को वायरस के खिलाफ टीका नहीं लगाया जाता है, तो कोरोनावायरस की संभावित तीसरी लहर दूसरी लहर जैसी तबाही का कारण बन सकती है और बच्चे मुख्य लक्ष्य हो सकते हैं. भारत बायोटेक का कोवैक्सीन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की साझेदारी में एक घरेलू कोविड वैक्सीन है. भारत में चल रहे टीकाकरण अभियान में इसका इस्तेमाल वयस्कों पर किया जा रहा है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा था कि कोवैक्सीन को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने 2-18 साल के समूह पर चरण II और III मानव परीक्षण करने के लिए मंजूरी दे दी है.

प्रधान अन्वेषक डॉ संजय राय के अनुसार, अब तक दस गुना अधिक स्वयंसेवकों ने परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया है, जो उत्साह को दर्शाता है. मानव परीक्षण में शामिल बच्चों को तीन समूहों में बांटा गया है. पहला समूह 12 से 18 वर्ष का है, इस समूह में शामिल स्वयंसेवकों को 6mg की खुराक दी जाएगी. उसके बाद 6 से 12 साल, फिर 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया जाएगा और बच्चों का भी टेस्ट वयस्कों जैसा होगा.

ये भी पढ़े:Horoscope: सोमवार का दिन इस राशि के लोगों के लिए लेकर आएगा खुशखबरी, जानिए आज का राशिफल

पहली खुराक और दूसरी खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर है.  परीक्षण से पहले स्वयंसेवकों का एंटीबॉडी के लिए परीक्षण किया जाएगा और वैक्सीन मिलने के बाद उन्हें निगरानी में रखा जाएगा. भारत में अलग-अलग केंद्रों से आए 525 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल ट्रायल किया जाना है. जनवरी के पहले सप्ताह में आपातकालीन उपयोग के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई थी. अब यह भारत में चल रहे टीकाकरण अभियान का हिस्सा है. दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल में करीब 50 बच्चों को शामिल किया जाना था, लेकिन इसके लिए दस गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं.

{{read_more}}


Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.