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देश में कोरोना के मामलों में कमी के साथ ही देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं. वहीं, दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ यूपी में भी कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल खोले गए. कई छात्र पूरे 2 साल बाद अपने स्कूल पहुंचे. वहीं, दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों में मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनिटाइज करने वाले छात्रों ने स्कूलों में प्रवेश किया.
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सोमवार से दिल्ली में नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के घटते मामले को देखते हुए नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए सोमवार से कक्षाएं शुरू हो गई हैं. फिलहाल एहतियात के तौर पर स्कूलों की ओर से सीमित संख्या में ही छात्रों को बुलाया गया है. वहीं, केंद्रीय विद्यालयों में भी छात्र 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल पहुंचे. दिल्ली में लंबे समय के बाद स्कूल पहुंचे बच्चों के लिए कुछ दिनों के लिए मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसे देखते हुए कक्षाओं के घंटे कम रखे गए हैं. वहीं स्कूल प्रबंधन ने पहले दिन बच्चों के लिए फूल और चॉकलेट की व्यवस्था की है. हालांकि, कुछ अभिभावक अभी भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर संशय में हैं. इसका असर सोमवार सुबह देखने को मिला, क्योंकि स्कूल पहुंचने वाले छात्रों की संख्या काफी कम थी.
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दिल्ली सरकार ने जारी की थी ये गाइडलाइन
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हर वर्ग का अलग टाइम फॉर्मूला होगा.
बच्चों को सलाह दी गई है कि वे अपना भोजन, किताबें और अन्य स्टेशनरी का सामान एक दूसरे के साथ साझा न करें.
लंच ब्रेक को अलग-अलग समय पर खुले क्षेत्र में रखने की सलाह दी गई है.
बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जानी चाहिए कि एक सीट को छोड़कर बैठने की व्यवस्था हो.
यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल के कॉमन एरिया की नियमित सफाई हो.
स्कूल के सभी शौचालयों में साबुन और पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
स्कूल परिसर में थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर और मास्क आदि उपलब्ध हैं.
बच्चों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
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