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इस साल अयोध्या में रामकोट परिक्रमा का आयोजन बड़े भव्य तरीके से किया जा रहा है। इस पवित्र परिक्रमा की प्रक्रिया सालों से चलती आ रही है। रामकोट परिक्रमा 29 मार्च की शाम को होगी। धार्मिका नेताओं और साधु संतो ने निर्णय लिया है कि इस बार कार्यक्रम में विभिन्न मंदिरों की धार्मिकी झांकियां निकली जाएगी, जो इस आयोजन को और भी भव्य बनाएगी।
रामकोट परिक्रमा के 21वें संस्करण को लेकर धार्मिक नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जिसमें इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए निर्णय लिए गए। रामकोट परिक्रमा शाम 3 बजे शुरू होगी। इस परिक्रमा में विभिन्न मंदिरों के साधु-संत और धार्मिक नेता शामिल होंगे। मतगजेंद्र मंदिर से पूजा-अर्चना के बाद रामपथ यात्रा का जुलूस निकाला जाएगा।
इस जुलूस के लिए मार्ग निर्धारित कर दिया गया है। मार्ग की साफ-सफाई और सजावट की तैयारी की जाएगी। इसके बाद यह जुलूस वापस मतगजेंद्र मंदिर के परिसर में समाप्त होगा, जिसमें 21 भव्य झांकियां शामिल होंगी, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी। इन झांकियों में भगवान श्री राम, भारत माता, संत तुलसीदास, रामानुजाचार्य, महर्षि वाल्मीकि, दयानंद सरस्वती सहित अनेक प्रमुख झांकियां शामिल की जाएंगी।
बैठक में महंत वैदेही बल्लभ शरण, डॉ. अनिल मिश्रा, गोपाल, रामानुज शरण ब्रह्मचारी, डॉ. चंद्रगोपाल पांडे, अवनी कुमार शुक्ला और रवि समेत अन्य लोग शामिल हुए।
भगवान मतगजेंद्र का मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित है, जिन्हें अयोध्या का कोतवाल भी माना जाता है। यह मंदिर श्रीरामवल्लभाकुंज जानकीघाट पर स्थित है। मान्यता है कि यहाँ सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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