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कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने जगाई आस, यहां जानिए कौन सी है सबसे असरदार

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वायरस को लेकर खुलकर बात रखी है। जिसके बाद लोगों की उम्मीदें फिर से वापस से जग उठी है।

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By Deepakshi | खबरें - 04 December 2020

कोरोना वायरस का कहर अभी भी अप्रैल, मई और बाकी महीनों की तरह लगातार अपना कहर दिखाता हुआ नजर आ रहा है। इस महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन को बनाया जा रहा है। कई देश इस रेस में आगे निकल रहे हैं। इसमें से एक है भारत। लेकिन आपको बता दें कि कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या जो वैक्सीन बनाई जा रही है वो सिंथेटिक है या फिर नॉन बायोटिक? आइए एक-एक करके जानते हैं ऐसी ही 5 वैक्सीन के बारे में यहां जो सबसे ज्यादा चर्चा में रही है।

- बीएनटी162बी2:

ब्रिटेन की दावा कंपनी फाइजर- बायोएनटेक के कोरोनावायरस के टीके को मंजूरी देने वाला पहला देश हो गया है। इस टीके को लेकर ऐसा कहा जा रहा है ये सुरक्षित है । यह 95 प्रतिशत तक कोरोना को रोकने के लिए असरदार है। इस कपंनी का विकास अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर किया है। इसमें सिंथेटिक एमआएरएनए का इस्तेमाल किया गया है जिससे इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। इसे कम से कम -70 सी पर संग्रहित करना होगा।

- फाइजर और मॉर्डना की वैक्सीन:

फाइजर और मॉर्डना दवा कंपनियों ने साल के अंत तक अपनी कोरोना वैक्सीन लाने की उम्मीद जताई है। लेकिन  इन वैक्सीन के लिए शार्क मछली के लिवर का तेल, रेत, एक खास पेड़ की छाल के अलावा 500 वस्तुओं की कम महसूस हो रही है। इन सब में से सबसे अधिक जरूरी है शार्क मछली के लिवर से मिलने वाला तेल। ये तेल फ्लू की वैक्सीन का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल होता है। ऐसे में इसे बायोटेक कह सकते  है।

- Ad5-nCoV:

यह वैक्सीन रीकॉम्बीनेंट है इसका मतलब ये कि एडिनोवायरस टाइप- 5 वेक्टर पर निर्भार इलाज पद्धति पर काम करता है। तो ऐसे में ये वैक्सीन एक तरह से बायोटिक है। चीन की मिलिट्री ने इसको लेकर एक साल तक के इस्तेमाल के लिए परमिशन दे दी है।

 - Covaxin: 

भारत बायोटेक Covaxin को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बनाया है। फिलहाल इसका तीसरा ट्रायल चल रहा है। ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि 2021 के फरवरी में ये वैक्सीन बाजार में आ जाएगी। ये वैक्सीन देखा जाए तो एक तरह से बायोटेक है।

- स्‍पुतनिक-5: 

गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और आसेललेना कॉन्ट्रैक्ट ड्रग रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने इस वैक्सीन को बनाया है। रूस सरकार की ओर से ये दावा किया गया है कि यह वैक्सीन सफल है। आपको बता दें कि इस पर भरोसा जताते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके परिवार ने भी इस वैक्सीन की डोज ली थी। ये वैक्सीन एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित बताई जाती है।

वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी का संबोधन:

पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर शुक्रवार के दिन कई बातें रखी है। पीएम ने सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि अगले कुछ ही सप्ताह में वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। देश के वैज्ञानिक इस वक्त बड़ी सफलता के करीब है। साथ ही उन्होंने वैक्सीन की कमीत और उसके वितरण को लेकर भी खुलकर बात रखी है। आठ वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है क्योंकि भारत में इस वक्त तीन वैक्सीन बन रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया है कि वैक्सीन पहले कोरोना वॉरियर्स, बुजुर्गों, अधिक बीमार लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी।  वैक्सीन की कीमत क्या होगी ये केंद्र और राज्य सरकार मिलकर फैसला लेंगे।

नोट: उपलब्ध कराई गई सारी जानकारी कई सारी वेबसाइट और आर्टिकल के आधार पर है। इनमें से ज्यादातर वैक्सीन किसी न किसी ट्रायल पर चल रही है, ऐसे में आगे इसके क्या परिणाम होंगे ये चीज तय नहीं है। हो सकें तो आप डॉक्टर्स की सलाह लेने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।

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