देश में कोयले की कमी का संकट एक बार फिर गहरा गया है. कई राज्यों में कोयले की कमी है. यूपी, बिहार समेत देश के 10 राज्य कोयले की कमी से जूझ रहे हैं.
देश में कोयले की कमी का संकट एक बार फिर गहरा गया है. कई राज्यों में कोयले की कमी है. यूपी, बिहार समेत देश के 10 राज्य कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. कोयले की कमी से देश में बिजली संकट पैदा होने जा रहा है. महाराष्ट्र में कई सालों के बाद अनिवार्य बिजली कटौती की स्थिति पैदा हो गई है.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी की शुरुआत के साथ ही देश के बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार नौ साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. कोरोना लॉकडाउन के बाद औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर आने से कारखानों और उद्योगों में बिजली की खपत बढ़ गई है. कोयले की कमी को लेकर देश के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कई राज्यों में कोयले की कमी है. हालांकि सरकार इससे निपटने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश में भी कोयले की कमी है. यहां रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई में देरी हो रही है.
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इसके अलावा आंध्र प्रदेश के कोयला संयंत्र में विस्फोटकों की कमी हो गई है. ऐसा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से हुआ है. कोयले की मांग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमारी कोयले की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है. मांग इतनी तेज दर से कभी नहीं बढ़ी क्योंकि मांग बढ़ी है. इसलिए हमारे कोयले के भंडार कम हैं.