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बच्चों के विकास के लिए माता-पिता को खास परवरिश भी करनी पड़ती है। बच्चों की परवरिश के दौरान सबसे ज्यादा जरूरी है कि उनकी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखा जाए। जब बच्चे की मेंटल हेल्थ डेवलप होती है तो वह फ्यूचर में किसी भी मुश्किल से बाहर निकलने में सक्षम रहते हैं। बच्चों का मन बेहद ही नाजुक होता है ऐसे में बहुत जल्दी ही नेगेटिव थॉट्स आने लग जाते हैं। पेरेंट्स की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों के मन को स्ट्रांग बनाने के लिए कुछ खास चीजों पर जरूर फोकस करें।
मेडिटेशन
बच्चों की मेंटल हेल्थ को स्ट्रांग बनाने के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। ऐसा करने से बच्चों के मन में नेगेटिव थॉट्स भी नहीं आते हैं। इसके अलावा आपको अपने बच्चों की फिजिकल हेल्थ को भी स्ट्रांग बनाने की कोशिश करनी चाहिए। आपको अपने बच्चों के रूटीन में मेडिटेशन को ऐड कर देना चाहिए।
गलतियों से सीखना
पेरेंट्स को बच्चों को यह समझाना चाहिए कि किसी भी गलती के बाद उन्हें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी गलती से सीख लेनी चाहिए। जब बच्चे जीवन में असफल होते हैं तो उनके मन में नेगेटिव थॉट्स आने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों को बताना चाहिए की सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा होता है। पेरेंट्स को अपने बच्चों के मन को समझने की कोशिश करनी चाहिए कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। इस तरह से आपका बच्चा आपसे किसी भी बात को नहीं छुपाता है खुलकर बात करता है।
पॉजिटिव एटमॉस्फेयर
आपको अपने बच्चों के आसपास पॉजिटिविटी रखनी चाहिए जिसकी नेगेटिव थॉट्स उनसे दूर रहे। अपने बच्चों को प्रेरणादायक कहानियां सुनानी चाहिए ताकि वह आगे आने वाली मुश्किलों का सामना कर सकें। ज्यादातर बच्चे अपनी पेरेंट्स की चीजों को कॉपी करना पसंद करते हैं। ऐसे में सावधान रहना चाहिए अपने बच्चों के सामने किसी भी तरह की नेगेटिव एक्टिविटी नहीं करनी चाहिए।
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