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अफगानिस्तान में लोग गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं. यहां भोजन की कमी एक बड़ी समस्या है. भारत लगातार अफगानिस्तान को सहायता प्रदान कर रहा है. गुरुवार को ही भारत ने 2,000 मीट्रिक टन गेहूं की दूसरी खेप पाकिस्तानी भूमि मार्ग से अफगानिस्तान भेजी. पाकिस्तान ने भी भारत की निगरानी में अफगानिस्तान को सहायता भेजी है. लेकिन पाकिस्तान की ओर से भेजी गई गेहूं की खेप ने उसकी तारीफ करने की जगह उसे ठिकाना बना दिया है.
पाकिस्तान ने बेहद घटिया किस्म का गेहूं अफगानिस्तान भेजा है. इस बात का खुलासा खुद तालिबान अधिकारियों ने किया है. ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि तालिबान अधिकारी पाकिस्तान से गेहूं की शिकायत कर रहे हैं. वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'तालिबान अधिकारी कह रहे हैं कि पाकिस्तान से भेजा गया गेहूं बहुत खराब गुणवत्ता का है जबकि भारतीय गेहूं उससे काफी बेहतर है. भारत ने पिछले महीने मानवीय सहायता के रूप में अफगानों को गेहूं भेजना शुरू किया.
भारत भेजेगा 50,000 मीट्रिक टन गेहूं
भारत ने 22 फरवरी को पाकिस्तान के रास्ते 2500 मीट्रिक टन गेहूं की पहली खेप अफगानिस्तान भेजी और यह 26 फरवरी को अफगान शहर जलालाबाद पहुंची. पचास ट्रक इस खेप को ले गए। भारत ने पिछले साल 7 अक्टूबर को पाकिस्तान को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध किया गया था.
इमरान ने पुतिन के साथ किया करार
पिछले साल 24 नवंबर को इस पर इस्लामाबाद की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया आई थी. पाकिस्तान ने घटिया किस्म का गेहूं ऐसे समय में अफगानिस्तान भेजा है जब इमरान खान गेहूं का सौदा कर रूस से लौटे हैं. रूस दौरे पर गए इमरान खान ने व्लादिमीर पुतिन के साथ गेहूं और प्राकृतिक गैस का सौदा किया है. इमरान खान ने घोषणा की है कि उन्होंने पिछले गुरुवार को पुतिन से मुलाकात के बाद करीब 20 लाख टन गेहूं और प्राकृतिक गैस के आयात के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
पश्चिम के खिलाफ जाकर रूस का समर्थन कर रहे हैं इमरान
इमरान खान ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी पाकिस्तान आने का न्योता दिया है. रूस इस समय अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना कर रहा है. इससे रूसी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी है. इमरान खान ने यह सौदा ऐसे समय में किया है जब यूक्रेन युद्ध चल रहा है और पूरी दुनिया आर्थिक प्रतिबंधों के जरिए रूस के आगे झुकने की कोशिश कर रही है.
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