ओमिक्रोन खतरे के बीच स्वास्थ्य सचिव के साथ चुनाव आयोग की बैठक आज

एक तरफ जहां देश में ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार भी तेज होता जा रहा है.

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चुनावी रैलियों पर चुनाव आयोग की बैठक: एक तरफ जहां देश में ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार भी तेज होता जा रहा है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है और इस चुनाव प्रचार के दौरान खुलेआम कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है. पार्टी चाहे कोई भी हो, हर कोई अपनी राजनीतिक रैलियों में हजारों-लाखों लोगों को लामबंद करने के उद्देश्य से बैठकें आयोजित कर रहा है और रोड शो कर रहा है.  इन सबके चलते कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए आज केंद्रीय चुनाव आयोग की अहम बैठक हो रही है. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी शामिल होंगे, जो केंद्रीय चुनाव आयोग को ओमाइक्रोन के खतरे और अब तक की जानकारी से अवगत कराएंगे. चुनाव आयोग आज सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ यह बैठक करेगा. बैठक में रैलियों पर रोक लगाने का फैसला लिया जा सकता है.

केंद्रीय चुनाव आयोग जानना चाहता है सारी जानकारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव से ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे और उससे जुड़ी तमाम जानकारी जानना चाहता है. केंद्रीय चुनाव आयोग भी स्वास्थ्य मंत्रालय से जानना चाहता है कि यह ओमिक्रोन वेरिएंट कितना खतरनाक हो सकता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं. सवाल यह भी हो सकता है कि अगर देश की एक बड़ी वयस्क आबादी को कोरोना की पहली और दूसरी खुराक मिल गई है तो इस ओमिक्रोन का खतरा कितना बढ़ गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग यह भी जानने की कोशिश करेगा कि अगर ऐसे माहौल में चुनाव कराए जाते हैं तो कोरोना के इस नए रूप को फैलने से कैसे रोका जा सकता है. केंद्रीय चुनाव आयोग की आज की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस बैठक से कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए रैलियां और रैलियां करने की अपील की थी. रोड शो पर रोक लगाएं और हो सके तो चुनाव भी कराएं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भले ही इस बारे में कोई आदेश न दिया हो, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिस तरह से केंद्रीय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री से अपील की है, उसके बाद से निश्चित तौर पर केंद्रीय चुनाव आयोग पर एक अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ गई है, क्योंकि अब चुनाव आयोग को तय करना है कि ओमिक्रोन के खतरे के बीच अगर चुनाव कराना है तो वह कैसे होगा, क्योंकि बंगाल चुनाव के दौरान भी केंद्रीय चुनाव आयोग ने कई आदेश जारी कर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश दिया था. उन आदेशों का खुलेआम उल्लंघन किया गया.

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