Parliament Monsoon Session: मल्लिकार्जुन खरगे ने अधीर रंजन के निलंबन का विरोध करते हुए कहा कि, वे(भाजपा) लोकतंत्र को दबाना चाहते हैं और संविधान के तहत चलना नहीं करना चाहते.
No-Confidence Motion: लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों के I.N.D.I.A.गठबंधन के सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और संसद में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च किया. लोकसभा में हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
BJP लोकतंत्र का दबाना चाहती है: खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने अधीर रंजन के निलंबन का विरोध करते हुए कहा कि, वे(भाजपा) लोकतंत्र को दबाना चाहते हैं और संविधान के तहत चलना नहीं करना चाहते. इसलिए सभी दलों (I.N.D.I.A गठबंधन) के लोग यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हम उनके गैरकानूनी काम के खिलाफ लड़ते रहेंगे. लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए हम संसद के अंदर और बाहर हर जगह लड़ेंगे. इस दौरान खरगे के साथ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई सांसद भी मौजूद हैं. खरगे ने कहा कि, उन्हें मामूली आधार पर निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने सिर्फ 'नीरव मोदी' कहा. नीरव का अर्थ है शांत, मौन. आपने उन्हें इस पर निलंबित कर दिया?
तानाशाही और संख्या का दुरुपयोग कर रही सरकार: कांग्रेस
लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण और अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि, मैं मोदी जी को मणिपुर के बारे में बोलने के लिए मजबूर करने के लिए कांग्रेस को बधाई देना चाहता हूं. मैंने मोदी जी को कई बार बोलते हुए सुना है, लेकिन कल उनके वाक्य और उच्चारण कहीं और जा रहे थे और उनके चेहरे से लग रहा था कि वे हार रहे हैं. अधीर रंजन चौधरी का निलंबन संसद में तानाशाही और संख्या का दुरुपयोग है.
अधीर रंजन की विवादित टिप्पणी
बता दें कि बीते दिन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कहा कि लोकसभा में प्रधानमंत्री की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भारत गठबंधन के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. इतना ही नहीं, महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ जो कुछ भी हो रहा है, चाहे वह हस्तिनापुर में हो या मणिपुर में, राजा को आंखें नहीं मूंदनी चाहिए.
बीजेपी नेता ने पेश किया निलंबित करने का प्रस्ताव
अधीर रंजन के इस टिप्पणी के बाद बीजेपी के नेता प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता को लोकसभा से सस्पेंड करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिससे संसद में संसद में स्वीकार कर लिया गया. अधीर रंजन चौधरी पर संसदीय कार्यवाही के दौरान लगातार व्यवधान पैदा करने का आरोप लगाया.