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नए इनकम टैक्स कानून पर सुझाव देने का मौका, सरकार ने मांगे टैक्सपेयर्स के विचार

सरकार ने नए इनकम टैक्स विधेयक 2025 को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। CBDT ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर टैक्सपेयर्स और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं, जिससे कर प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाया जा सके। 8 मार्च 2025 से कोई भी नागरिक OTP वेरिफिकेशन के जरिए अपने सुझाव साझा कर सकता है।

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By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 19 March 2025

देश में नए इनकम टैक्स कानून को लागू करने की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। सरकार ने इनकम टैक्स विधेयक 2025 को संसद में पेश किया है, जिस पर सेलेक्ट कमिटी विचार कर रही है। खास बात यह है कि सरकार ने टैक्सपेयर्स और स्टेकहोल्डर्स को भी इस प्रक्रिया में भाग लेने का मौका दिया है।

नए इनकम टैक्स कानून पर सुझाव देने का मौका

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक यूटिलिटी टूल लॉन्च किया है, जिससे कोई भी नागरिक नए इनकम टैक्स कानून से जुड़े नियमों और फॉर्म्स पर सुझाव दे सकता है। यह पहल करदाताओं की समस्याओं को दूर करने और कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए की गई है।

कैसे दें अपने सुझाव?

  1. स्टेकहोल्डर्स नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपनी राय साझा कर सकते हैं:
    👉 इनकम टैक्स पोर्टल
  2. 8 मार्च 2025 से यह पोर्टल सभी टैक्सपेयर्स के लिए खुला रहेगा।
  3. उपयोगकर्ताओं को नाम और मोबाइल नंबर दर्ज कर OTP वेरिफिकेशन पूरा करना होगा।
  4. इसके बाद वे अपने सुझाव जमा कर सकते हैं।

CBDT का क्या कहना है?

CBDT ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के अनुरूप यह सुझाव प्रक्रिया शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य:
कर प्रणाली को सरल बनाना
करदाताओं का अनुपालन बोझ कम करना
कर नियमों को स्पष्ट और पारदर्शी बनाना
पुराने और अप्रासंगिक नियमों को हटाना
दस्तावेज़ दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना

चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर मांगे गए सुझाव

CBDT ने करदाताओं से चार प्रमुख बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं:
 भाषा का सरलीकरण – करदाताओं के लिए नियमों को सरल और स्पष्ट किया जाए।
 मुकदमेबाजी में कमी – विवादों को कम करने और प्रक्रियाओं को आसान बनाने के उपाय।
 अनुपालन बोझ में कमी – करदाताओं के लिए टैक्स फाइलिंग और अन्य औपचारिकताओं को सुगम बनाना।
 प्रक्रियागत सुधार – आयकर नियमों और प्रपत्रों को अपडेट कर उनकी दक्षता बढ़ाना।

सरकार की यह पहल क्यों खास है?

पहली बार टैक्सपेयर्स को प्रत्यक्ष रूप से नए टैक्स कानून के निर्माण में भागीदारी का अवसर दिया जा रहा है।
सरकार करदाताओं की चिंताओं को सुनकर एक अधिक सरल और प्रभावी कर प्रणाली बनाने की दिशा में काम कर रही है।
इससे छोटे और मध्यम व्यवसायों, वेतनभोगियों और निवेशकों के लिए टैक्स फाइलिंग और अनुपालन सरल होगा।

अब आपकी बारी!

अगर आप भी भारत में कर प्रणाली को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो यह सुनहरा मौका है। अपना सुझाव दें और इस बदलाव का हिस्सा बनें! 🏛💡

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