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थाना महोबकंठ के माधवगंज गांव के युवक ने आवाज उठाई है. उन्होंने पुलिस से अपनी शादी में घोड़े की सवारी करने की इजाजत मांगी है ताकि वह धूमधाम से बारात निकाल सकें. माधवगंज गांव में आजादी के बाद से कोई भी अनुसूचित जाति का युवक शादी के दौरान घोड़ी पर नहीं चढ़ा. सभी ने सादगी से जुलूस निकाला.
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इस परंपरा को तोड़ने के लिए गांव के अलखराम अहिरवार ने आवाज उठाई है. इनकी शादी 18 जून को होनी है, जिसमें अलखराम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट अपलोड किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह घोड़ी में अपनी बारात उतारना चाहते हैं. पोस्ट वायरल होने के बाद भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष आकाश रावण ने गांव पहुंचकर अलखाराम व उसके परिजनों से मुलाकात की और 18 जून को ही घोड़ी पर जाने का आश्वासन दिया.
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ऐसे में माना जा रहा है कि जुलूस के दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा होगी. वहीं एसएचओ महोबकांत सुनील तिवारी का कहना है कि अलखाराम का आवेदन प्राप्त हो गया है. मौके पर मामले की जांच के बाद सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
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