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महाकुंभ 2025 के समापन पर सीएम योगी की प्रतिक्रिया: पीएम मोदी के मार्गदर्शन का सुफल
महाकुंभ 2025 के औपचारिक समापन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिस पर सीएम योगी ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा,
"आदरणीय प्रधानमंत्री जी, यह आपके यशस्वी मार्गदर्शन का ही सुफल है कि 'एकता, समता, समरसता का महायज्ञ' महाकुंभ-2025, प्रयागराज भव्यता और दिव्यता के साथ सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के नवीन मानक स्थापित कर संपन्न हुआ है।"
66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
सीएम योगी ने आगे कहा,
"पिछले 45 पुण्य दिवसों में पूज्य साधु-संतों समेत 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर कृतार्थ हुए हैं। यह महोत्सव संपूर्ण विश्व को 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना से जोड़कर मानवता का संदेश दे रहा है। आपके मार्गदर्शन और शुभेच्छाएं हम सभी को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। हार्दिक आभार, प्रधानमंत्री जी!"
पीएम के नेतृत्व में सफल हुआ महाकुंभ
सीएम योगी ने इस आयोजन को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की देन बताया। उन्होंने कहा,
"आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित यह आस्था, एकता और समता का महापर्व महाकुंभ-2025, प्रयागराज, आज महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान के साथ अपनी पूर्णाहुति की ओर अग्रसर है। 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा से प्रारंभ हुए इस महायज्ञ में 26 फरवरी, महाशिवरात्रि तक कुल 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। विश्व इतिहास में यह एक अभूतपूर्व और अविस्मरणीय घटना है।"
संतों और श्रद्धालुओं को साधुवाद
मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए पूज्य अखाड़ों, साधु-संतों, महामंडलेश्वरों और धर्माचार्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
"समरसता के इस महासमागम को सफल बनाने के लिए सभी श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन।"
प्रयागराज के नागरिकों को धन्यवाद
सीएम योगी ने महाकुंभ के सुव्यवस्थित आयोजन में योगदान देने वाले सभी प्रशासनों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों और केंद्र व राज्य सरकार के सभी विभागों का विशेष रूप से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा,
"प्रयागराजवासियों का विशेष आभार, जिनके धैर्य और आतिथ्य सत्कार ने हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं की भव्यता को प्रदर्शित करता है, बल्कि विश्व को एकता और समरसता का संदेश भी देता है।"
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