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यूपी इलेक्शन 2022 को लेकर पॉलिटिकल पार्टी में काफी हलचल मची हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में अपने काम के साथ धार्मिक कामों में भी अपनी पकड़ को दिखाने में लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 को लेकर तेजी से सभी पार्टियां अपनी पकड़ में मजबूती ला रही हैं. भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश (यूपी) में अपने राजनीतिक क्षेत्र वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य पैमाने पर आयोजित एक शानदार धार्मिक समारोह में भाग लिया.
इस आयोजन की सबसे खास बात यह थी कि मोदी ने एक बार फिर खुद को पूरी तरह से उस नेता के रूप में पहचाना जो यहां लाखों हिंदुओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों को मुखर नेतृत्व प्रदान करने के लिए है. जो संदेश गया वह यह था कि मोदी या उनकी पार्टी - भारतीय जनता पार्टी - के बुनियादी विश्वासों और पहचान के बारे में कोई अगर और लेकिन नहीं है.मोदी और उनकी पार्टी का भविष्य यूपी में उनकी राजनीतिक छवि पर निर्भर करता है.
सभी राजनीतिक दलों का यह स्पष्ट विचार था कि काशी विश्वनाथ मंदिर में हिंदुओं के लिए एक आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण मील का पत्थर का उद्घाटन करते हुए मोदी सभी हिंदुओं के प्रतिनिधित्व का दावा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ पैर आगे बढ़ाएंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका अनुमान लगाया और एक दिन पहले जयपुर में प्रतिवाद प्रस्तुत किया.
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