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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले साल लखीमपुर खीरी जिले में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को गुरुवार को जमानत दे दी. आशीष मिश्रा इस मामले में जमानत पाने वाले दूसरे आरोपी हैं.
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लखीमपुर खीरी की निचली सत्र अदालत द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद आशीष की जमानत याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई थी. पिछले महीने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने कहा, "न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने गुरुवार को आदेश सुनाया और आशीष मिश्रा को जमानत दे दी."
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बचाव पक्ष के वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “जमानत याचिका पर बहस के दौरान, हमने कई मुद्दों को उठाया, जिसमें आशीष मिश्रा को गलत तरीके से फंसाया गया था क्योंकि वह मौके पर मौजूद नहीं थे. अदालत ने आज आशीष मिश्रा को जमानत दे दी.
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3 अक्टूबर, 2021 को, अजय मिश्रा के स्वामित्व वाली थार सहित तीन एसयूवी का एक काफिला, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए तिकोनिया क्रॉसिंग पर इकट्ठे हुए किसानों के एक समूह पर चढ़ गया. ' गांव, बवीरपुर, एक कार्यक्रम के लिए किसान कथित रूप से एक कथित वीडियो क्लिप का विरोध कर रहे थे, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री को खुलेआम प्रदर्शन कर रहे किसानों को राज्य से बाहर खींचने की धमकी देते हुए सुना जा सकता है. चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इसके बाद हुई हिंसा में गुस्साई भीड़ ने बीजेपी के दो नेताओं और थार के ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी. किसानों ने थार समेत दो वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया.
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