लखनऊ: लखीमपुर खीरी कांड की जांच अब उत्तर प्रदेश पुलिस की एक जांच टीम ने पिछले अक्टूबर में किसान विरोधी कानून के विरोध के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने का मामला सामने आया था.
लखनऊ: लखीमपुर खीरी कांड की जांच अब उत्तर प्रदेश पुलिस की एक जांच टीम ने पिछले अक्टूबर में किसान विरोधी कानून के विरोध के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने का मामला सामने आया था, इस मामले पर अब स्थानीय अदालत को 5,000 पन्नों का आरोप पत्र सौंपा गया हैं, जिसमें मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने कहा हैं वो घटना के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों और पत्रकार पर हमले में शामिल एक एसयूवी के अंदर कनिष्ठ गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौके पर मौजूद थे.
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आपको बता दे मंत्री टेनी और उनके बेटे दोनों ने पिछले तीन महीनों में कई बार यइ बात बोली हैं कि आशीष घटना के दौरान एसयूवी या मौके पर मौजूद नहीं थे. वह मौजूद "गवाहों ने कहा है कि वह (आशीष मिश्रा) घटना के दौरान वही पर मौजूद थे और यह सीडी (केस डायरी) का एक हिस्सा भी है." चार्जशीट के हजारों पन्नों को पुलिस ने आज सुबह लखीमपुर कस्बे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दो तालों से सुरक्षित एक बड़े ट्रंक में लाया.
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का जेल में बंद बेटा आशीष मिश्रा पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का मुख्य आरोपी है. कुल आठ लोगों की मौत हो गई. अगर अदालत चार्जशीट को स्वीकार कर लेती है, तो अदालत द्वारा दी गई तारीख पर मामले की सुनवाई शुरू हो जाएगी. आगे की जांच अभी होनी बाकी हैं.
"आरोपपत्र अब जमा किया जा चूका हैं, लेकिन जब हमने पहले भी जब शिकायत दर्ज़ की थी तब भी हमने शिकायत में अजय मिश्रा टेनी का नाम लिया था, लेकिन उनका नाम प्राथमिकी में कही भी नहीं लिखा हुआ था. हमने उनका नाम फिर से लिखने लिए एसआईटी को एक पत्र भी भेजा था, लेकिन ये बात भी किसी ने नहीं मानी. हमें नहीं लगता कि किसी भी तरह से उचित जांच हुई है, थार एसयूवी मंत्री के नाम पर थी लेकिन उनका नाम कही लिया ही नहीं गया हैं. हमें उचित जांच के लिए अदालत जाना पड़ सकता है. हम जांच से संतुष्ट नहीं हैं, किसानो के वकील ने कहा".