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आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है. पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है. भारत एक लोकतंत्र देश है. भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से सुनिश्चित होती है. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर सभी पत्रकारों को बधाई दी है.
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सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा- लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले 'प्रेस' की निष्पक्षता, स्वतंत्रता और उच्च नैतिक मानकों पर बल देने वाले सभी पत्रकारों को 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' की हार्दिक बधाई. आप लोकतंत्र के 'सतर्क चौकीदार' हैं. मैं देश की प्रगति के लिए आप सभी के प्रयासों को सलाम करता हूं.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस?
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है. साथ ही, यह दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है. प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में दुनिया को आगाह करने वाले इस दिन से पता चलता है कि मीडिया लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा और बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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पहला प्रेस आयोग भारत की प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की गई थी. परिणामस्वरूप, 4 जुलाई, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना हुई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना औपचारिक कामकाज शुरू किया. तब से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसलिए सरकारों को भी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. जबकि मौजूदा समय में पत्रकारों की सुरक्षा के अभाव में पत्रकारों की हत्या की खबरें अखबारों की सुर्खियों में बनी रहती हैं. जो सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है.
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