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इजरायल (Israel) की सत्ता में जबरदस्त तरीके से बदलाव देखने को मिला है. 12 सालों के बाद पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की विदाई हुई है. गठबंधन दलों के उम्मीदवार और विपक्ष के नेता नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने नए पीएम के तौर पर देश की कमान अपने हाथ में ली है. इसके चलते पिछले दो सालों से 4 बार चुनाव होने के बाद जो राजनीतिक संकट पैदा हुआ उसका हल मिल चुका है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बिडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें शुभकामनाएं भी दी हैं.
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जैसे ही नई सरकार की पुष्टि हुी वैसे ही इजरायल की संसद नेसेट में जबरदस्त तरीके से हंगामा देखने को मिला है. संसद में सत्र की शुरूआत होने पर नामित पीएम नफ्ताली बेनेट से इतना ही नहीं धक्का मुक्की तक हुई थी. उन्होंने जैसे ही अपने भाषण की शुरुआत करने की कोशिश की, बाकी नेताओं द्वारा उन्हें परेशान किया जाने लगा. भाषण के वक्त विपक्षी बेनेट पर चिल्लाना जारी रखते हैं और उनके लिए अपराधी और झूठा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.
इस तरह के हंगामे के बाद नई सरकार में सहयोगी पार्टी के नेता लैपिड ने तो अपना भाषण बीच में ही छोड़ दिया था. उन्होंने धक्का-मुक्की होने वाली हरकत को शर्मसार तक करार कर दिया.
इसके अलावा संसद में बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी बात रखते हुए ये भी कहा कि मैं यहां लाखों इजरायलियों की ओर से खड़ा हूं, जिन्होंने मेरे नेतृत्व में Likud पार्टी को वोट दिया और अन्य लाखों इजरायलियों ने दक्षिणपंथी दलों को वोट दिया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि''अपने प्यारे देश के लिए रात-दिन काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी.'' बेनेट के भाषण के विपरीत, नेतन्याहू की टिप्पणियों के दौरान ज्यादातर माहौल शांत रहा था.
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नेतन्याहू की बात करें तो डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का दावा करते हुए खुद को एक विश्व स्तरीय राजनेता के तौर पर दिखाया है.
कौन हैं Naftali Bennett
अमेरिकन अप्रवासी शख्स के बेटे हैं बेनेट जोकि नेतन्याहू की तुलना में ज्यादा युवा और ऊर्जावान है. उनका जन्म इजरायल के हायफा शहर में हुआ था. वो धार्मिक तौर पर यहूदी है. उन्होंने पीएम के साथ रहते हुए सरकार में वित-मंत्रालय और शिक्षा जैसे कई विभाग भी देख चुके हैं. साथ ही वे इजराइली सेना में कमांडो रह चुके हैं. उन्होंने न केवल विदेशी भाषा में अपनी अच्छी पकड़ बनाई है बल्कि वे मॉर्डन के साथ-साथ धार्मिक भी बन गए हैं.
वो अपने सिर पर एक तरह की धार्मिक टोपी पहनते हैं, जो कट्टर यहूदी सोच वाले लोग पहनते हैं. इस टोपी को किप्पा कह जाता है. जो सिर में पीछे की ओर का हिस्सा कवर करती है. ऐसे में बेनेट इस देश के पहले ऐसे पीएम होंगे जोकि किप्पा पहनते हैं. यानी की वो अपनी धार्मिक सोच को राजनीति आकार देते हुए दिखाई देंगे ऐसा कुछ सोचा नहीं जा सकता है.
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