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रिपब्लिक टीवी के मालिक और जाने-माने पत्रकार अर्नब गोस्वामी पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ अर्नब को बुधवार के दिन महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया। अब उन्हें 2018 में हुए आत्महत्या मामले में रायगढ़ ले जाया जा रहा है। अब जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
अब आपको बताते हैं कि आख़िर अर्नब गोस्वामी को गिरफ़्तार क्यों किया गया है। बता दें कि मई 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद अलीबाग में अपने बंगले में मृत पाए गए थे । पुलिस के मुताबिक़ अन्वय ने आत्महत्या की और उनकी मां कुमुद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ कुमुद का गला घोंट कर मारा गया उन्होंने आत्महत्या नहीं की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस का कहना है कि अन्वय ने पहले अपनी मां की हत्या की फिर खुदख़ुशी कर ली। इसके बाद पुलिस ने आमहत्या और हत्या का मामला दर्ज कर लिया।बता दें कि कुमुद की बॉडी ग्राउंड फ्लोर के सोफे पर मिली थी और अन्वय का शव पहली मंज़िल पर लटका हुआ था।
अर्नब गोस्वामी के खिलाफ क्यों दर्ज हुई एफआईआर?
मामले की जांच करते वक्त पुलिस को अन्वय के घर से इंग्लिश में लिखा हुआ एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसमें अन्वय ने लिखा था मेने और मेरी मां तीन कम्पनियों द्वारा उनका पेमेंट न करने के कारण ये कदम उठाने पर मजबूर हैं- रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, IcastX के फ़िरोज़ शेख़ और स्मार्टवर्क के नितिश सारडा के नाम उस नोट में शामिल थे।
तीन फर्मों को नाइक की कंपनी, कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड को क्रमशः 83 लाख रुपये, 4 करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये का भुगतान करना था। जांच में पाया गया कि अन्वय भारी कर्ज में था और ठेकेदारों को पैसा चुकाने के लिए बहुत परेशान था।
रायगढ़ पुलिस ने बताया कि पैसे चुकाने की धमकियों से परेशान होकर नाइक ने मुंबई में एक ठेकेदार के खिलाफ एनसी भी दर्ज करवाई थी। हालांकी इस पूरे मामले पर गोस्वामी का कहना है कि ये सारे आरोप सरासर ग़लत हैं मेने पूरा पैसा दे दिया था।
जांच में क्या हुआ?
अप्रैल 2019 में मामले की जांच करने वाली रायगढ़ पुलिस ने मामले को बंद कर दिया। उनका कहना है कि ज़िन लोगों के नाम सुसाइड नोट में हैं उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसके बाद साल मई 2020 में अन्वय की बेटी ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मामले में फिर से जांच करने की अपील की। इसके बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सीआइडी जांच के आदेश दिए।
इस मामले में क्या होता है?
महाराष्ट्र पुलिस अब गोस्वामी से पूछताछ करेगी और उन्हें अपने दावों को के लिए सबूत देने के लिए कहेगी। सबूतों के आधार पर ये जांच होगी कि अर्नब ने पैसे का भुगतान किया या नहीं। जांच के आधार पर ये फ़ैसला लिया जाएगा कि केस बंद होगा या चार्जशीट फ़ाइल की जाएगी। मुंबई पुलिस का गोस्वामी के इस मामले का कोई संबंध नहीं है।
मुंबई में अर्नब के खिलाफ मामले
मुंबई में अर्नब के ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज हैं। टीआरपी घोटाले में भी रिपब्लिक टीवी का नाम आया है, हालांकी रिपब्लिक ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है। गोस्वामी के खिलाफ एक शो के लिए भी एफआईआर दर्ज की गई है । इसके अलावा, गोस्वामी के खिलाफ बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासियों को इकट्ठा करने और पालघर में साधुओं की लिंचिंग जैसी कथित घटनाओं के लिए दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसके अलवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में भी उन्हें विशेषाधिकार प्रस्ताव के उल्लंघन के लिए महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था।
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