विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रत्येक वर्ष 11 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मनाया जाता है.
विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रत्येक वर्ष 11 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और गणित (एसटीईएम) जैसे विषयों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है. इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है. इस वर्ष विज्ञान में महिलाओं और युवा लड़कियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का सातवां वर्ष है.
इतिहास:
एसटीईएम क्षेत्रों में आज तक एक महत्वपूर्ण लिंग अंतर मौजूद है. महिलाओं की स्थिति पर आयोग ने 2011 में अपने 55वें सत्र में एक रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें सभ्य काम और पूर्ण रोजगार के लिए समान पहुंच और "शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं और युवा लड़कियों की भागीदारी" का आह्वान किया गया था.
2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने एक प्रस्ताव अपनाया, जिसमें यह माना गया कि लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए एसटीईएम अनुसंधान और नवाचार में महिलाओं में लड़कियों की भागीदारी महत्वपूर्ण है. वर्ष 2015 में, UNGA ने 11 फरवरी को दिन को विज्ञान में महिलाओं और युवा लड़कियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया. इस दिन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और संयुक्त राष्ट्र-महिला द्वारा नागरिक समाज संस्थानों के समन्वय से लागू किया जाता है.