भारत की पहली स्टील सड़क, स्टील वेस्ट का हुआ उपयोग

देश में विकास नीति तेज हो गई है जिसमे अब स्टील वेस्ट से सड़कें बनाई जा रही है. स्टील प्लांटों में कचरे के पहाड़ बन गए हैं. लेकिन अब इसी स्टील कचरे से सड़के बन रही है. कई सालों की रिसर्च के बाद केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने स्टील के कचरे को

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देश में विकास नीति तेज हो गई है जिसमे अब स्टील वेस्ट से सड़कें बनाई जा रही है. स्टील प्लांटों में कचरे के पहाड़ बन गए हैं. लेकिन अब इसी स्टील कचरे से सड़के बन रही है. कई सालों की रिसर्च के बाद केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने स्टील के कचरे को प्रोसेस कर गिट्टी का निर्माण किया है.

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स्टील के कचरे से तैयार सड़क

आपको बता दें कि, गुजरात में हजीरा पोर्ट पर एक किलोमीटर लंबी ये सड़क पहले कई टन वजन लेकर चल रहे ट्रकों की वजह से थी. मिली जानकारी के अनुसार, एक प्रयोग के तहत इस सड़क को पूरी तरह स्टील के कचरे से तैयार किया गया है. अब हर रोज 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन वजन लेकर गुजर रहे हैं. वहीं सड़क का हाल वैसा का वैसा ही है. यह प्रयोग सफल होने के बाद अब देश के हाइवे और दूसरी सड़कें स्टील से कचरे से बनाई जाएंगी. क्योंकि इससे बनी सड़कें काफी मजबूत होती हैं और खर्चा भी करीब 30 फीसदी कम आता है. वहीं स्टील के कचरे से बनी सड़क की मोटाई भी 30 फीसदी कम हुई है. 

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नीति आयोग का आदेश

हर साल देश के अलग स्टील प्लांटों से 19 मिलियन टन कचरा निकलता है. सूत्रों के मुताबिक 2030 में ये 50 मिलियन टन हो जाएगा. इससे सबसे बड़ा खतरा पर्यावरण को है. इसलिए नीति आयोग के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय ने कई साल पहले केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान को इस कचरे के उपयोग का प्रोजेक्ट दिया. कई साल की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने सूरत के AMNS स्टील प्लांट में स्टील के कचरे को प्रोसेस करवाकर गिट्टी तैयार करवाई.

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