66वें ग्रैमी अवार्ड्स में भारत का डंका कैसे बजे? किस मशहूर भारतीय संगीतकार ने अपने नाम किया 3-3 ग्रैमी अवॉर्ड?
66वें ग्रैमी अवार्ड्स में भारत का डंका कैसे बजे? किस मशहूर भारतीय संगीतकार ने अपने नाम किया 3-3 ग्रैमी अवॉर्ड? क्या ये है वैश्विक मनोरंजन उद्योग में भारत की जीत की शुरुआत? किन भारतीय गांवों की धुनों ने विदेशियों को भी अपना दीवाना बना लिया? आइए बताते हैं आपको।
बीते रविवार को अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 66वें वार्षिक ग्रैमी अवार्ड्स का आयोजन किया गया जहां मिले साइरस से लेकर टेलर स्विफ्ट तक, कई मशहूर अमेरिकी गायकों ने शिरकत की। लेकिन जिन्हों ने जीत लिया शुद्ध भारत का दिल, वो शंकर महादेवन या जाकिर हुसैन जैसे भारतीय संगीतकार जिन्हों ने अपने नाम किये कई पुरस्कार। खाने की जरूरत नहीं कि कल का दिन, देश के लिए कई मायनों में खास रहा जब वैश्विक पटल पर भारतीय संगीत की वाहवाही का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
'शक्ति' से लेकर 'पश्तो' तक, भारत ने जीता दिल!
मशहूर तबला वादक ज़ाकिर हुसैन के इंडोजैज़ सुपरग्रुप शक्ति ने अपने एल्बम "दिस मोमेंट" के लिए बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम का अवार्ड जीता। बता दें कि इस ग्रुप में ब्रिटिश गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, गायक शंकर महादेवन, कंजीरा वादक वी सेल्वगनेश या वायलिन वादक गणेश राजगोपालन जैसे दिग्गज कलाकार भी शामिल हैं।
इसके साथ ही अपने एल्बम "एज़ वी स्पीक" के गाने "पश्तो" के लिए जाकिर हुसैन ने साथी कलाकारों एडगर मेयर, राकेश चौरसिया, या बेला फ्लेक के साथ सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन श्रेणी में ग्रैमी अपना नाम किया। याही नहीं, बल्कि "एज़ वी स्पीक" को बेस्ट कंटेम्पररी इंस्ट्रुमेंटल एल्बम का ख़ताब भी हासिल हुआ। इसके साथ जाकिर हुसैन ने कुल मिलाकर 3 ग्रामीज़ अपना नाम कर लिया।
भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति या सभ्यता के वैश्विक स्तर पर जाना जाता है। जिस भी विदेशी ने कभी इस पावन धरती पर कदम रखा, वो यहां के संगीत या नृत्यकला का जादू हो जाएगा। ऐसे में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसी अदभुत उपलब्धि सच में ऐतहासिक या गर्वानुइट कर देने वाली है।