स्पेन में बेजुबान जानवरों के साथ लैब में हो रहा था ख़तरनाक टेस्ट, फ़ोटो देखकर दिल दहल जाएगा

स्पेन में एक मामला सामने आया है जिसमें स्पेन की राजधानी मैड्रिड में मौजूद विवोटेक्निया लैब को सरकार ने जानवरों पर क्रूरता को दिखाते फुटेज के सामने आने के बाद बंद कर दिया है.

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आज दुनिया में जिस तरह से जानवरों पर अत्याचार हो रहे हैं, उसे देखकर किसी भी भावुक व्यक्ति का दिल दुख से भर उठता है. पशुओं पर होने वाला अत्याचार मनुष्यता पर एक कंलक है. हमें प्रत्येक जीव के प्रति प्रेम दया भाव रखना चाहिए. मानवता का यही धर्म है. प्राचीनकाल में भी देवी-देवता के साथ किसी पशु पक्षी का संबंध  होना पशु संरक्षण का प्रतीक है. समस्त प्राणी-जगत में सर्वश्रेष्ठ एंव जेष्ठ कहे जाने वाले मनुष्य को पशुओं के साथ क्रूरता का व्यवहार करना कहां शोभा देता है? यह एक साधारण बात है कि दुनिया में रहने वाले सभी जीवों- जन्तुओं का जन्म उस एक ही परम पिता ने किया है, तो उससे क्रूरता वाला व्यवहार क्यों. स्पेन में एक मामला सामने आया है जिसमें बेजुबान जानवरों पर क्रूरता का व्यवहार किया जा रहा है.

फोटोज़ में कैद हुआ नजारा 


जीवों पर घोर क्रूरता के सबूत और फुटेज मिलने के बाद स्पेन की एक लैब को बंद कर दिया गया  है. यह प्रयोगशाला जानवरों पर परीक्षण करती थी. ताकि उसने जिस दवा कंपनी, केमिकल या कॉस्मैटिक कंपनी या फिर तंबाकू या खाद्य उघोग के लिए किए गए कॉन्ट्रैक्ट को पूरा कर सके. स्पेन की राजधानी मैड्रिड में मौजूद विवोटेक्निया लैब को सरकार ने जानवरों पर क्रूरता को दिखाते फुटेज के सामने आने के बाद बंद कर दिया है.

विवोटेक्निया लैब एक है रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन


विवोटेक्निया लैब एक कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन हैं. यहां पर बंदरों, कुत्तों, मिनी पिग, सुअरों, चूहों, खरगोश जैसे कई जीवों पर प्रयोग किए जाते थे. एक दिन किसी ने इस प्रयोगशाला की अंडरकवर वीडियोग्राफी कर ली, जिसमें इसके अंदर जानवरों पर क्रूरता के नजारे दिख रहे है. इस वीडियो को उस कर्मचारी ने बनाया था, जो विवोटेक्निया लैब में साल 2018 से 2020 तक काम कर चुका है. उसने बताया कि इस लैब में जीवों को पटका जाता था, मारा जाता था, जोर से हिलाया जाता था, यहां तक कि बिना एनीस्थिसिया दिए ही शरीर के अंगों पर घाव किया जाता था. इनसे  ऊबकर उसने वीडियो बनाया और यूट्यूब पर डाल दिया. इसके बाद जीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था आगे आई. इस फुटेज को क्रूएल्टी फ्री इंटरनेशनल ने रिलीज किया था. जिसमें दिखाया जा रहा है कि लैब टेक्नीशियन चूहों और खरगोशों के साथ ज्यादती कर रहे हैं. 

विवोटेक्निया लैब को स्पैनिश सरकार और यूरोपियन यूनियन से  मिली है फंडिंग


आंद्रिया ने कहा कि हम अपने काम और लैब में गुणवत्ता के सारे तय मानकों का ख्याल रखते हैं. जीवों के कल्याण के लिए हम पूरी तरह से लगे रहते हैं. वही क्रूएल्टी फ्री इंटरनेशनल ने दावा किया है कि जो वीडियो फुटेज उन्होंने रिलीज किया है, उसमें स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि विवोटेक्निया लैब के टेक्नीशियन जिंदा चूहों की आंख में सूई निकाल रहे हैं, जबकि यह प्रक्रिया एनीस्थिशिया देने के बाद करनी चाहिए. विवोटेक्निया लैब को स्पैनिश सरकार और यूरोपियन यूनियन से फंडिंग भी मिली है, बार्सिलोना बायोमेडिकल रिसर्च पार्क में काम करने वाले जीव विज्ञानी  जोआन एंटोनी फर्नाडेज ब्लैंको ने कहा कि ये हैरानी की बात है. कोई भी प्रयोगशाला इस तरह से जीवों के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकती. यह स्पेन और यूरोपियन यूनियन के कानून के खिलाफ है. 

परीक्षण करने वाले लैब्स पर साल में एक बार जांच करने का है कानून


डॉ. कैटी टेलर ने कहा कि विवोटेक्निया जैसे जीवों पर परीक्षण करने वाले लैब्स पर साल में एक बार जांच करने का कानून है. इस पर विवोटेक्निया के सीईओ आंद्रिया  कोनिग ने कहा कि हमारी लैब में हर साल दो बार ऑडिट होता है. सरकारी एथिकल कमेटी के लोग आकर इसकी जांच करते हैं, लेकिन कैटा का कहना है कि ये गलत है. अगर ऐसा होता तो लैब में इस तरह के मामले सामने नहीं आते.

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