सूर्य देव की फलदायक स्तुति, जीवन में आएगी खुशहाली

सूर्य स्तुति करने से जीवन में बार-बार सूर्य कृपा के चमत्कार दिखाई देने लगते है. सूर्य स्तुति का पाठ करने से भक्तों की सभी कामनाएं पूरी हो जाती है.

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आदि देव सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव ही इस सृष्टि के जीवन के प्राण आधार माने जाते हैं। अगर जीवन में आने वाले आपदाओं, संकटों, शत्रु भय, धन का अभाव आदि कई समस्याओं से मुक्ति चाहते हो तो हर इस सूर्य स्तुति का पाठ सूर्योदय के समय जरूर करें.


1) ।। अथ सूर्य स्तुति पाठ ।।

जो भी साधक हर रोज उगते सूर्य के सामने बैठकर भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ अर्थ सहित करता है. सूर्य नारायण की कृपा से उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है.

2) ।।शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।

यह सूर्य कवच शरीर को आरोग्य देने वाला है तथा संपूर्ण दिव्य सौभाग्य को देने वाला है.

3)  ।।देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।।

चमकते हुए मुकुट वाले डोलते हुए मकराकृत कुंडल वाले हजार किरण को ध्यान करके यह स्तोत्र प्रारंभ करें.

4) ।।दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।

सूर्य रक्षात्मक इस स्तोत्र को भोजपत्र में लिखकर जो हाथ में धारण करता है तो संपूर्ण सिद्धियां उसके वश में होती है.

5) ।।सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।

स्नान करके जो कोई स्वच्छ चित्त से कवच पाठ करता है वह रोग से मुक्त हो जाता है. दीर्घायु होता है. सुख तथा यश प्राप्त होता है. अगर इस स्तुति का पाठ कोई साधक लगातार एक माह तक करता है उसके जीवन में कभी समस्या रूपी अंधकार नहीं आ सकता.

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