तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद भी दिल्ली बॉर्डर पर कई सारे किसानों की भीड़ जुटती हुई दिखाई दे रही है, जानिए क्या है इसकी बड़ी वजह.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने के बाद भी दिल्ली के सि बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है. 26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा. ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक साल पूरा होने के मौके पर किसानों से बॉर्डर पर पहुंचने का आहवान किया है. एसकेएम की कॉल पर भारी तादाद में पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से किसानों ने ट्रैक्टर और ट्राली के साथ-साथ दिल्ली की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया है.
इस मामले में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में पंजाब के गांव से लोग दिल्ली बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे हैं. संगरूर से किसानों का एक बड़ा जत्था दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के लिए तैयार हो चुका है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि 24 और 25 नवंबर को हजारों किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंच सकते हैं.
मांगे पूरी न होने तक चलेगा आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात को पहले ही साफ कर दिया है कि यह आंदोलन अभी भी जारी रहने वाला है. इसके अलावा किसी भी प्रोग्राम में बदलाव नहीं करने की भी बात कही गई है. एसकेएस का कहना है कि जब तक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद में बिल नहीं पास होने वाला तब तक वो इससे पीछे नहीं हटने वाले हैं.
साथ ही किसान आंदोलन में तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाए जाने को लेकर भी मांग उठाई जा रही है. संयुक्त किसान मोर्चा का ये कहना है कि सरकार ने हमारी केवल एक ही मांग मानी है और जब तक हमारी सारी मांगे पूरी नहीं हो जाती है ये आंदोलन नहीं रूकने वाला है.