शुक्रवार के दिन राकेश टिकैत ने अपनी बात में कहा कि सरकार के साथ सहमति बनी हुई है. इसके बाद हमने पत्र जारी कर दिए हैं. गम और खुशी के साथ अब किसान धीरे-धीरे करके किसान गाजीपुर बॉर्डर और बाकी बॉर्डर से घर जाएंगे.
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब किसानों ने घर वापसी को लेकर तैयारी कर ली है. किसानों ने गुरुवार के दिन आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है. इसके बाद अब दिल्ली की सीमाओं से किसानों के तंबू भी हटना शुरू हो चुके हैं. किसानों ने कहा है कि हर महीने की 15 तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. शुक्रवार के दिन किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार के साथ हमारी सहमति बनी. इसके बाद हमने पत्र जारी कर दिए. थोड़ा गम-थोड़ी खुशी के साथ धीरे-धीरे करके किसान अब गाजीपुर बॉर्डर और बाकी बॉर्डर से घर जाएंगे.
शहीदों के लिए मन किया गया दुखी
इतना ही नहीं राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि जो जवान शहीद हुए हैं उससे मन काफी दुखी है. हमारे किसान भी शहीद हुए हैं, कई मुद्दे हैं, जो बने रहेंगे. जनवरी में संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में बैठक होने वाली है. धीरे-धीरे करके किसान यहां से अपने घर वापस लौट रहे हैं. सबसे आखिरी में गाजीपुर बॉर्डर से किसान रवाना होने वाले हैं. 12 तारीख में कैराना में मीटिंग होगी. इसके बाद फिर अमृतसर-चंडीगढ़ से 15 तारीख को आखिरी जत्था गाजीपुर बॉर्डर से जाएगा. उनका ये कहना है कि आंदोलन 1 साल 13 दिन तक चला है. सरकार के साथ एमएसपी को लेकर कमेटी भी बन जाएगी. काफी किसानों ने सभी त्योहार-पर्व को साथ मनाया, जिससे सबके साथ अपनापन हो गया है.
राकेश टिकैत ने उन मुद्दों को लेकर भी बात रखी जिस पर आने वाले वक्त में सरकार से बातचीत होगी. टिकैत ने अपनी बात में कहाआने वाले समय में कई अहम मुद्दे रहेंगे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ भी गन्ने के भुगतान को लेकर बातचीत करेंगे.