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ठीक आज दो साल पहले की वही तारीख है, जब गांव और कस्बे वीरान थे. 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू था. सड़कों पर सन्नाटा था, हर तरफ खौफ था. कोरोना वायरस के कहर पर पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू की अपील की थी, जिस पर पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया और एक अरब से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद हो गए. शाम के ठीक पांच बजे लोग अपने दरवाजों और बालकनियों में कोरोना योद्धाओं के सम्मान में दीप जलाकर पांच मिनट तक ताली बजाते रहे.
आइए जानते हैं इतिहास में 22 मार्च की तारीख को और क्या हुआ था:
1739: ईरान के सम्राट नादिर शाह ने अपनी सेना को दिल्ली का नरसंहार करने का आदेश दिया. इसे इतिहास में 'वध' के नाम से जाना जाता है.
1793: लॉर्ड कार्नवालिस ने बंगाल और बिहार के बीच अंतिम समझौते की घोषणा की.
1890: रामचंद्र चटर्जी पैराशूट से उतरने वाले पहले भारतीय बने.
1893: चटगांव विद्रोह का नेतृत्व करने वाले महान क्रांतिकारी सूर्य सेन का जन्म.
1942: सर स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में क्रिप्स मिशन भारत पहुंचा. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानी नौसेना और वायु सेना ने पोर्ट ब्लेयर में प्रवेश किया.
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1947: लॉर्ड माउंटबेटन अंतिम वायसराय के रूप में भारत आए.
1957: शक युग पर आधारित एक राष्ट्रीय कैलेंडर अपनाया गया. उनके अनुसार 20 मार्च चैत्र मास 1879 शक की पहली तिथि थी.
1964: कलकत्ता में पहली विंटेज कार रैली का आयोजन.
1969: इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड का उद्घाटन.
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1977: आपातकाल के बाद के आम चुनावों में कांग्रेस की भारी हार के बाद प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
1993: विश्व जल दिवस पहली बार मनाया गया.
2000: इन्सैट 3बी को फ्रेंच गुयाना के कौरौ से प्रक्षेपित किया गया.
22 मार्च: कोरोना के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया.
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