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एलन मस्क की Tesla कंपनी चीन के बजाय जर्मनी के बर्लिन प्लांट से अपनी
कारें इम्पोर्ट करनी वाली हैं। आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने Tariff
Tax जारी किया है। जिसके बाद से अमेरिका और चीन
दोनों देशों के बीच Tariff
Tax लगाने को लेकर आर्थिक व्यापार पर परेशानी
का माहौल बन है।
Tariff Tax के चलते कंपनी Tesla चीन के
बजाय अब जर्मनी की फैक्ट्री से अपनी कारों का आयात कर सकती है। आपको बता दें कि
कंपनी Tesla भारत में भी अपनी एंट्री कर सकती है।
किन राज्यों में होगी Tesla की एंट्री
अगर Tesla भारत में अपनी कंपनी की शुरुआत करती है तो पहले
आयात की गई कारों की बिक्री होगी और उसके बाद इन पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाया
जाएगा। इसके लिए कंपनी भारत के कई राज्यों से संपर्क कर रही है जिसमें तेलंगाना का
नाम सबसे ऊपर है। वहीं कंपनी गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में भी प्लांट खोलने का
प्लान कर सकती है।
EV का फायदा उठना चाहती है कंपनी
कंपनी Tesla इंडियन EV पॉलिसी का फायद
उठना चाहती है। EV पॉलिसी के तहत कंपनियों को 3 साल के अंदर भारत
में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना होगा। इसके अलावा 5 साल के अंदर 50% लोकलाइजेशन हासिल करना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों
पर EVs की
संख्या पर भी सीमा तय की जाएगी।
पहले $35000 से
अधिक लागत, बीमा और CIF मूल्य वाले वाहनों पर 70% से 100 तक कस्टम ड्यूटी लगती थी । लेकिन अब सरकार EV निर्माताओं के आयात शुल्क को घटाकर 15% करने की
सहमति देगी। लेकिन ये पॉलिसी तभी होगी जब कंपनियां लोकल लेवल पर इलेक्ट्रिक व्हीकल
बनाने के लिए 4,150 करोड़ का न्यूनतम निवेश करेंगी।
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