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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का समय आ चुका है। ऐसे में ट्रम्प द्वारा किए गये कामों, उनके सही और ग़लत फ़ैसलों आदि सब चीज़ों पर लोगों की नज़र है। इसी के आधार पर ही ये अंदाज़ा लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि जीत किसकी होगी? डेमोक्रेटिक या फिर रिपब्लिकन।
द ब्लू वॉल
पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन
ट्रम्प ने 2016 में अपने समर्थकों को ये विश्वास दिलाया था कि वो मैक्सिकन की सीमा पर दीवार का बनवायेंगें लेकिन यह परियोजना की जगह उनके लिए सरदर्दी बन गया। उनके इसी वादे के चलते रिपब्लिकन जीत गयी और डेमोक्रेटिक हार गयी। डेमोक्रेटिक पेंसिल्वेनिया को 70 हज़ार से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यह संख्या पूरे देश में डाले गए कुल वोट का मात्र .09 प्रतिशत थी।
राष्ट्रपति का चयन एक निर्वाचक मंडल द्वारा जिसमें 538 मतदाता होते हैं किया जाता है, इस प्रणाली में हर राज्य द्वारा संख्या भेजी जाती है। इसी के चलते पेंसिल्वेनिया में 20, 16 मिले मिशिगन से और विस्कॉन्सिन से 10 वोट ट्रम्प को ही मिले।
2016 में आए परिणामों ने 2020 तक तीन राज्यों को स्विंग राज्य में बदल दिया। इसी को देखते हुए बिडेन द्वारा पेन्सिलवेनिया में 5-6 अंक से आगे है। ट्रम्प के समर्थकों को अब डर सता रहा है कि अगर बिडेन को चुना जाता है तो अमेरिका एक समाजवादी राज्य बन जाएगा। क्योंकि कहीं न कहीं ट्रम्प की नीतियों से कई लोग हैं जो आहत हुए हैं।ट्रम्प ने कई बार वादा भी किया था।
पेंसिल्वेनिया ट्रम्प के लिए बहुत ज़रूरी है, यही एक बड़ा कारण है जिस वजह से वो इस जगह पर चुनाव से पहले का आखिरी दिन रहेंगें। पेंसिल्वेनिया में वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी जो 3 नवंबर से शुरू होने वाले हैं। लेकिन अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर दोबारा विचार करेगा। जुलाई में हुए चुनावों में मिशिगन में 15 वोटों से जीत अपने नाम की थी।
2016 में मूर द्वारा भविष्यवाणी की गयी थी कि ट्रम्प ही पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन, मिशिगन से राष्ट्रपति का पद जीतेंगे। वैसा हुआ भी। एफबीआई द्वारा गवर्नर के अपहरण करने की साजिश का खुलासा हुआ था।
कुछ दिन पहले अगस्त के महीने में जैकब ब्लेक नाम के ब्लैक अमेरिकन को पुलिस दने गोली मार दी जिस कारण अमेरिका में विरोध प्रदर्शन किया गया। जेकब बच तो गया लेकिन गोली लगने के कारण पेरालाइस हो गया। ऐसे ही कई मुद्दे ट्रम्प के शाशन काल में हुए हैं जिसके कारण कहीं न कहीं इस बार उनकी जीत पर ख़तरा मंडरा रहा है।
रेड सी
जॉर्जिया, एरिजोना
ये कई राज्यों का समूह है इस स्थान पर एक बड़ी आबादी रहती है। ऐसा माना जा सकता है कि लगभग 158 इलेक्टोरल वोटों के बराबर की आबादी हो सकती है। जो व्हाइट हाउस के लिए आधे से ज़्यादा हैं। जॉर्जिया के 16 वोट पिछले 7 चुनावों में से 6 बार रिपब्लिकन के खाते में गये है।ट्रम्प को निश्चिंत करता है। मतदान के मुताबिक़ ट्रम्प और बिडेन के बीच संख्या में टाई होने की संभावना है।
क्या बदल गया?
जॉर्जिया की जनसंख्या और वहां आए परिवर्तन में तालमेल रखने में रिपब्लिकन पार्टी सक्षम नहीं रही। 1996 में हुए चुनाव में बिल क्लिंटन इस राज्य को बॉब डोल से हारे थे। उस समय लगभग 77 प्रतिशत मतदाता वाइट थे। लेकिन अब इस संख्या में कमी आई है यह घटकर कुल 60 प्रतिशत रह गई है।
राज्य में करीब 8,00,000 वोटर का रजिस्ट्रेशन हुआ था के। लेकिन नए वोटर ज़्यादातर युव हैं, जिनमें काफी संख्या रेड सी की है। इन सबके अलावा महामारी का भी चुनाव पार भारी प्रभाव पड़ा है।मिनियापोलिस में पुलिसकर्मियों ने जॉर्ज फ्लॉयड को मार दिया जिसके क़रीब 1 महीने बाद ही पुलिस के साथ एक व्यक्ति का टकराव हुआ और फ़ाइरिंग में उसकी मौत हो गई।
यही कारण है एरिज़ोना के 11 वोट लोकतांत्रिक होने की संभावना हैं-क्योंकि एरिज़ोना की काफ़ी जनसंख्या को ट्रम्प पसंद नहीं करते हैं। 2016 में ट्रम्प ने बिडेन को 3 अंकों से मात दी थी। 2016 में वह लगभग 4 % से जीते थे। राष्ट्रपति चुनावक को जीतने के लिए ट्रम्प को ख़ासतौर पर इन पांच राज्यों में अपनी पकड़ को मज़बूत करना है। अगर वह किन्ही 2 राज्यों में चूक गये तो सारा खेल बिगड़ जाएगा।
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