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पूर्वी अफगानिस्तान में बुधवार तड़के आए भूकंप में कम से कम 255 लोगों की मौत हो गई, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 थी. एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था और 51 किलोमीटर की गहराई में था. यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान और भारत में भी लोगों ने झटके महसूस किए.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही विचलित करने वाली तस्वीरों में पाकिस्तान की सीमा के पास पक्तिका प्रांत में पत्थर के घर, लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए, मलबे और बर्बाद घरों को दिखाया गया है. सरकार के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्विटर पर कहा, "दुर्भाग्य से, कल रात पक्तिका प्रांत के चार जिलों में भीषण भूकंप आया, जिसमें हमारे सैकड़ों देशवासी मारे गए और घायल हुए और दर्जनों घर नष्ट हो गए.
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उन्होंने कहा, "हम सभी सहायता एजेंसियों से आग्रह करते हैं कि आगे की तबाही को रोकने के लिए तुरंत क्षेत्र में टीमें भेजें। पर्वतीय अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया का बड़ा क्षेत्र, जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट उत्तर में यूरेशियन प्लेट से टकराती है, लंबे समय से विनाशकारी भूकंपों की चपेट में है.
2015 में, देश के उत्तर-पूर्व में आए एक बड़े भूकंप ने अफगानिस्तान और पड़ोसी उत्तरी पाकिस्तान में 200 से अधिक लोगों की जान ले ली. 2002 में इसी तरह के 6.1 भूकंप में उत्तरी अफगानिस्तान में लगभग 1,000 लोग मारे गए थे। और 1998 में, अफगानिस्तान के सुदूर पूर्वोत्तर में 6.1-तीव्रता के भूकंप और उसके बाद के झटके में कम से कम 4,500 लोग मारे गए.
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