सरकार का यह फैसला तब आया है, जब अभी कुछ दिनों पहले ही टास्क फोर्स के प्रमुख वी के पॉल ने कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉयड्स दवाओं के हद से ज्यादा उपयोग होने को लेकर अफसोस जताया था.
केंद्र सरकार ने सोमवार को कोविड-19 के इलाज को लेकर अपनी क्लीनिकल गाइडलाइंस में संशोधन किया है. सबसे बड़ी बात है कि नई गाइडलाइंस में सरकार ने डॉक्टरों को कोविड मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से बचने को कहा है.
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सरकार का यह फैसला तब आया है, जब अभी कुछ दिनों पहले ही टास्क फोर्स के प्रमुख वी के पॉल ने कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉयड्स दवाओं के हद से ज्यादा उपयोग होने को लेकर अफसोस जताया था.
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संशोधित गाईडलाइंस में कहा गया है कि स्टेरॉयड्स वाले ड्रग्स अगर जरुरत से पहले या ज्यादा डोज में या फिर जरूरत से ज्यादा वक्त तक इस्तेमाल किए जाएं तो इससे म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस जैसे सेकेंडरी इन्फेक्शन का डर बढ़ता है. नई गाइडलाइंस में कोरोना के हल्के, मध्यम और गंभीर लक्षणों के लिए अलग-अलग दवाइयों की डोज की अनुशंसा की गई है. वहीं, यह भी कहा गया है कि अगर किसी को खांसी दो-तीन हफ्तों से ठीक नहीं हो रही है तो उसे टीबी या ऐसी ही किसी दूसरी बीमारी के लिए टेस्ट कराना चाहिए.