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चंडीगढ़ में पिछले 40 साल से लोगों को लंगर खिलाने वाले 'लंगर बाबा' के नाम से मशहूर जदगीश आहूजा का सोमवार को निधन हो गया. पद्मश्री जगदीश आहूजा चंडीगढ़ में पीजीआई के बाहर लेगर लगाया करते थे. इसके साथ ही वह GMSH-16 और GMCH-32 के सामने एंकरिंग कर लोगों को खाना खिलाता था. 2020 में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. जगदीश आहूजा ने अपनी करोड़ों रुपये की संपत्ति लोगों को खिलाने के लिए दान कर दी.
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लंगर बाबा चंडीगढ़ के सेक्टर 23 में रहते थे और उनकी उम्र 85 साल थी. पटियाला में उन्होंने गुड़ और फल बेचना शुरू किया. जिसके बाद वे 1956 में 21 साल की उम्र में चंडीगढ़ आ गए. उस समय चंडीगढ़ को देश का पहला नियोजित शहर बनाया जा रहा था. यहां आकर उन्होंने फलों की दुकान किराए पर लेकर केले बेचने लगे.
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सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि लंगरबाबा के नाम से मशहूर महान समाजसेवी और प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मश्री जगदीश लाल आहूजा के निधन पर मेरी गहरी संवेदना है. पीजीआईएमईआर में गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन और दवाएं उपलब्ध कराने की उनकी निस्वार्थ भावना हमेशा दूसरों को इस तरह की नेक सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी.
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