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देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। खतरा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिसके लिए सरकार ने बहुत से उपाय किये गए हालांकि संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ। पूरे देश में लॉकडाउन भी लगाया गया लेकिन फिर भी संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में कमी नहीं हो रही है। वहीं दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार ने देश को धीरे- धीरे खोलने का फैसला लिया। अब देश में अनलॉक 5 की प्रक्रिया शुरू हो चुकि है जिसमे अब शिक्षा के क्षेत्र पर भी ध्यान देते हुए स्कूलों को खोलने विचार किया गया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि इससे कहीं न कहीं बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ रहा है। देश को खोल का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि देश में कोरोना वायरस ख़त्म हो चुका है। ध्यान रखते हुए स्कूल खोलने के लिए सरकार ने कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।
क्या हैं दिशा-निर्देश? बच्चों को किन बातों का रखना होगा ख्याल? जानने के लिए देखें ये खास रिपोर्ट....
- स्कूलों और कॉलेजों को 15 अक्टूबर को खोलने के आदेश, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने जारी किए दिशानिर्देश
- केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर सोमवार को किया जारी है
- स्कूलों के लिए टास्क टीमें बनाई जाएंगी जैसे इमरजेंसी केयर सपोर्ट, कमोडिटी सपोर्ट के लिए टीम, स्वच्छता निरीक्षण टीम
- छात्रों, अध्यापकों और अन्य कर्मचारियो को स्कूल के अंदर मास्क जरूर पहनना होगा, खासकर जब कक्षा के अंदर हों या किसी समूह में खड़े हों
- बच्चों को स्कूलों में आने से पहले अपने घरवालों से सहमति लेना अनिवार्य है, जो नहीं आना चाहते वो घर पर ही पढ़ाई कर सकते हैं
- स्कूल में हर जगह सोशल डिटेन्सिंग का करना होगा पालन
- छात्रों को स्कूल के फिर से खुलने से पहले ही किताबें आदि मिलना अनिवार्य
- स्कूलों में छात्रों के की देखभाल के लिए डॉक्टर या फिर काउंसलर होना अनिवार्य साथ ही शिक्षकों का भी रोज स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए
- छुट्टियों को बढ़ाया जाए जिससे अगर कोई कर्मचारी या बच्चा बीमार हो तो बिना परेशान हुए घर पर आराम कर सकें
- ज्यादा सीखने के लिए बच्चों का ध्यान केंद्रित हो इसके लिए पूरे साल में होने वाली गतिविधियों का पहले ही शैक्षणिक कैलेंडर बना दिया जाये
- कैलेंडर को दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया जा सकता है
- शिक्षकों को क्लास में आईसीटी माध्यम का उपयोग करना होगा
- स्कूल छात्रों के लिए अच्छी तरह सिखाने के लिए एक अच्छा मॉड्यूल तैयार करें
- लॉकडाउन के समय स्कूली शिक्षा घर से चल रही थी इसके चलते बच्चों में आए परिवर्तन पर स्कूलों को देना होगा ध्यान
- शिक्षकों को छात्रों के पाठ्यक्रम के लिए एक स्पष्ट और साफ़ रोडमैप पर बात करनी चाहिए जिसमें बच्चों को सिखाने के अलग- अलग तरीके शामिल हों
- शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को फिर से शुरू करने से पहले अभिभावकों, स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया जाए
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