Story Content
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी धारा 124ए के तहत राजद्रोह कानून को लेकर बड़ा अहम फैसला लिया है और इसे तत्काल के लिए स्थगित कर दिया. इस फैसले के साथ-साथ कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात पर गौर फरमाने को भी कहा है ताकि इस सुनवाई को किसी उपयुक्त कारण से फिर से बदला जा सके. हालांकि इस बात को लेकर याचिकाकर्ता के वकिल कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताई है कि केंद्र सरकार को इस फैसले पर पूर्ण विचार क्यों करनी जरुरी है.
ये भी पढ़ें:- दो पैक में नहीं चढ़ी तो खटखटाया गृह मंत्रालय का दरवाजा
फैसले को सुनाने के बाद चीफ जस्टिस ने उन सभी कैदियों के लिए भी राहत भरी खबर दी कि जो भी जेल में कैदी है, जिनपर देशद्रोह का आरोप लगा है, वो अपनी जमानत के लिए अपील कर सकते है. चीफ जस्टिस के पूछने पर कपिल सिब्बल ने बताया कि देशद्रोह के आरोप में लगभग 13 हजार कैदी जेल में हैं.
ये भी पढ़ें:- IPL 2022: बदला लेने के इरादे से उतरेगी दिल्ली कैपिटल्स, राजस्थान से मुकाबला आज
वहीं केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से दरख्वास्त की है कि आईपीसी की धारा 124ए के तहत राजद्रोह कानून पर रोक नहीं लगाई जाए. देश की सरकार ने दलील देते हुए कहा कि संवैधानिक बेंच ने इस कानून को सही ठहराया है.
ये भी पढ़ें:- बिना दवा के ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के 10 तरीके
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से पेश होने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि एसपी के इस मामले को देखने के बाद ही केस दर्ज होगा.
Comments
Add a Comment:
No comments available.