चाय पत्ती खरीदते समय रहे सावधान, जानिए कैसे करें असली और नकली की पहचान

चाय भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. भारत में चाय की चुस्की के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती. वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादा चाय पीने से पाचन, श्वसन और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ बढ़ती हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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चाय भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. भारत में चाय की चुस्की के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती. वैज्ञानिकों के अनुसार, ज्यादा चाय पीने से पाचन, श्वसन और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ बढ़ती हैं. अब सवाल यह उठता है कि आप कैसे जान सकते हैं कि जो चाय आप पी रहे हैं वह असली है या नकली? भारत दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसकी प्रति व्यक्ति खपत दुनिया भर की कुल खपत का 19 प्रतिशत है.

नकली चाय पाउडर 

भारत में घरेलू आबादी देश में उत्पादित कुल चाय का लगभग 76 प्रतिशत उपभोग करती है. इतनी बड़ी चाय पीने वाली आबादी के साथ, चाय में मिलावट की खबरें आश्चर्यजनक नहीं हैं. निर्माताओं द्वारा काजू के बाहरी छिलके को जलने तक भूनकर नकली चाय पाउडर बनाने की कई शिकायतें मिली हैं. फिर इसे गुणवत्तापूर्ण चाय पाउडर के साथ मिलाया जाता है. अक्सर निर्माता चाय में प्रतिबंधित रंग भी मिलाते हैं.

चाय की शुद्धता

चाय की शुद्धता जांचने का सबसे आसान तरीका एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच चाय की पत्ती मिलाना है. सुनिश्चित करें कि पानी या तो ठंडा है या कमरे के तापमान पर है, लेकिन गर्म नहीं है. अगर चाय शुद्ध होगी तो पानी के रंग में कोई बदलाव नहीं आएगा। अगर चाय की पत्ती में कोई भी रंग मिलाया जाए तो रंग तुरंत लाल हो जाएगा, इसलिए सावधान रहें.

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