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झारखंड में कोरोना से ताबड़तोड़ मौत का सिलसिला जारी है. राजधानी रांची के हरमू मुक्तिधाम में विद्युत शवदाह गृह के खराब होने के बाद श्मशान घाट में हर जगह लाशें नजर आ रही है. कोविड-19 संक्रमण से मृत मरीजों के अंतिम संस्कार के कार्य का निरीक्षण करने उपायुक्त छवि रंजन सोमवार देर रात घाघरा स्थित स्वर्णरेखा घाट पर पहुंचे.इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी रांची सदर श्री उत्कर्ष गुप्ता एंव इंसिडेंट कमांडर अरविंद कुमार भी मौजूद थे.
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पार्थिव शरीर के दाह संस्कार की की गई व्यवस्था
कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजन काफी परेशान हो गए, जिसके चलते रविवार की शाम से ही स्थिति बिगड़ती जा रही थी. इसके बाद घाघरा घाट पर पार्थिव शरीर के दाह संस्कार की व्यवस्था की गई. रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि हरमू मुक्तिधाम स्थित शवदाह गृह ठीक होने तक कोविड-19 संक्रमण से मृत मरीजों के दाह संस्कार के लिए रांची नगर निगम के सहयोग से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.
52 पार्थिक शरीर का हुआ अंतिम संस्कार
बताया जा रहा है कि घाघरा घाट पर रविवार और सोमवार को मिलाकर कुल 52 पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार किया गया है. अंतिम संस्कार करने वाले लोगों के लिए भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा रखने का निर्देश दिया गया है.
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दूसरी तरफ झारखंड हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है. कोर्ट ने अंतिम संस्कार में देरी होने पर संबंधित अधिकारियों पर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि अंतिम संस्कार में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए. बता दें कि यूपी, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में भी कोविड से हालात बुरे हो गए हैं. बीमार लोगों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ श्मशान घाट पर लंबी लाइन देखने को मिल रही हैं.
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