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असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए समझौता हुआ है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा और मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौता पर साइन किया.
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असम और मेघालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
आपको बता दें कि, जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा गृह मंत्रालय को मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. वहीं असम और मेघालय के बीच 884 किलोमीटर लंबी सीमा है. सीमा के 12 क्षेत्रों में से छह के विवाद के हल के लिए सरकारें मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं. प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार 36.79 वर्ग किमी भूमि में से 18.51 वर्ग किमी जमीन असम अपने पास रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा. असम और मेघालय के बीच समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बहुत लंबे समय से लंबित है. विवाद की शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग कर दिया गया था.
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मोदी और अमित शाह चाहते थे सीमा विवाद हल
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सीमा विवाद के हल के लिए जोर दिया गया था. वे चाहते थे की असम-मेघालय सीमा विवाह का हल हो जाए. क्योंकि अगर भारत और बांग्लादेश सीमा मुद्दों को हल कर सकते हैं तो राज्य क्यों नहीं कर सकते. मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. सबने अपना-अपना काम किया अपने-अपने तरीके से योगदान दिया. केंद्र और दोनों राज्य सरकारों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में इस मामले में अच्छी प्रगति की गई.
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