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भारत में फैली इस रहस्यमयी बीमारी की चेपट में आए लोग, खून में मिली ये खतरनाक चीजें

आंध प्रेदश में इस वक्त एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी लोगों के बीच देखने को मिल रही है, जिसमें जानिए कैसी खतरनाक चीजें मिली है।

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By Deepakshi | खबरें - 09 December 2020

जहां इस वक्त दुनिया भर के अलावा भारत में भी कोरोना वायरस को लेकर कहर देखने को मिल रहा है। लेकिन इसी बीच आंध्र प्रदेश के एलूरु शहर में एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी फैल रही है जिसकी चपेट में अब तक 500 से अधिक लोग आ चुके हैं। इस बीमारी के अंदर बेहोशी और मिर्गी के दौरे आने के बाद अस्पताल में लोगों को भर्ती कराया जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ी राहत की ये बता है कि इस बीमारी से लोग जल्दी ठीक हो रहे हैं।

आंध प्रेदश के स्वास्थ्य मंत्री ए के कृष्णा श्रीनिवास के मुताबिक जो लोग 510 संक्रमित लोग है उनमे से 430 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वही, इस महामारी से एक की मौत होने की खबर सामने आई है। इस बीमारी को लेकर लोगों से ये कहा गया है कि वो बिल्कुल भी न घबराएं। लेकिन ये महामारी क्या है इसको लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि एम्स की दिल्ली की टीम इस रहस्यमय बीमारी का पता लगाने में जुटी हुई है और इसके शुरुआती नतीजे सामने आ गए हैं।

लोगों के जो ब्लड सैंपल लिए गए है उसमें सीसा और निकल की मात्रा पाई गई है। वहीं, इसको लेकर अब राष्ट्रीय पोषण संस्थान की टीम चावल, पानी और खाद्य तेल के सैंपल इक्ट्ठा करने में जुटी हुई है। लेकिन यहां चिंता का विषय ये है कि बीमारी एक खास क्षेत्र तक सीमित नहीं रही है। एक स्वास्थ्य अधिकारी की माने तो सबसे ज्यादा प्रभावित लोग एलूरु शहर से ताल्लुक रखते हैं। वही, 70 फीसदी लोग टाउन एरिया से जुड़े हुए हैं। लेकिन इस शहर के ग्रामीण और आस-पास के इलाके इससे प्रभावित नहीं हुए हैं। 

शहर के एक सरकारी अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉक्टर ए एस राम का ये कहना है कि ज्यादातर मरीजों में मिर्गी के दौरे आए हैं। कुछ में मास हिस्टीरिया की शिकायत रही, जोकि वास्तव में नहीं थी। कई लोगों के सिर पर मामूली चाटे या फिर आंखों में कालापन होने जैसे लक्षण बताए गए हैं। वही कुछ लोग अचानक से बेहोश हो गए थे।  इसके अलावा कुछ लोगों में गैस्ट्रिक या फिर पेट दर्द की समस्या थी।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, एम्स (दिल्ली) के जितने भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राज्य के अधिकारियों संग एक बैठक की और उसमे प्रभावित मरीजों से भी बातचीत की।

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