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एलोपैथी को लेकर योग गुरु रामदेव की टिप्पणियों के बाद यह मामला काफी बढ़ गया है. अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तराखंड इकाई ने योग गुरु रामदेव को इस मामले पर खुलकर बात करने की चुनौती दी है. रामदेव को आईएमए उत्तराखंड ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक मंच पर मीडिया के सामने इस पर चर्चा करने की चुनौती दी है.
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आईएमए उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. अजय खन्ना ने योग गुरु रामदेव को लिखे पत्र में उनके बयान को अनुचित, गैर जिम्मेदार और स्वार्थी बताया. उन्होंने पत्र में लिखा, 'आपको सूचित किया जाता है कि आईएमए उत्तराखंड आपसे पतंजलि योगपीठ पर चर्चा के लिए योग्य और विधिवत पंजीकृत आयुर्वेद की एक टीम बनाने का अनुरोध करता है। आईएमए द्वारा ऐसा किया जा चुका है. पत्र में कहा गया है, "इस आमने-सामने की पैनल चर्चा पर बारीकी से नजर रखी जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया द्वारा रिकॉर्ड किया जाएगा, जिन्हें इस पैनल चर्चा में भी आमंत्रित किया जाएगा." पत्र में आगे कहा गया है कि रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण भी आयुर्वेदाचार्यों की टीम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन केवल दर्शकों के रूप में, क्योंकि उन्होंने आईएमए राज्य कार्यालय को योग्यता की जानकारी नहीं भेजी है. रामदेव को लिखे पत्र में कहा गया है कि इस चर्चा के लिए तारीख और दिन चुनना आपकी जिम्मेदारी है, जबकि साइट का चयन आईएमए द्वारा किया जाएगा.
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योग गुरु रामदेव की एलोपैथी पर टिप्पणी से नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों के संघ संघ ने शनिवार को कहा कि वे 1 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे काला दिवस के रूप में मनाएंगे. परिसंघ ने एक बयान जारी कर रामदेव से सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने को कहा. तब विवाद खड़ा हो गया था जब रामदेव कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के इलाज में इस्तेमाल हो रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाने गए थे.
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