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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले के एक गांव में कथित तौर पर कुरान का अपमान करने के आरोप में भीड़ ने एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति की पत्थर मारकर हत्या कर दी. मग़रिब की नमाज़ के बाद जंगल डेरा गाँव में सैकड़ों स्थानीय लोग जमा हो गए, जब खबरें आईं कि एक व्यक्ति ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़ दिया और आग लगा दी. बाद में मासूम की लाश को पेड़ पर लटका दिया गया.
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डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह व्यक्ति बेगुनाह होने का दावा कर रहा था लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी. प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि पथराव होने से पहले पुलिस की एक टीम वहां पहुंच गई थी. उन्होंने अपराधी को पकड़ लिया था, लेकिन भीड़ ने उसे एसएचओ की हिरासत से जब्त कर लिया. पाकिस्तान में मॉब लिंचिंग की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले दिसंबर में, एक उन्मादी भीड़ ने एक श्रीलंकाई व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया और फिर कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोपों को लेकर उसके शरीर को सार्वजनिक रूप से जला दिया. यह घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई, जहां कथित तौर पर निजी कारखानों के श्रमिकों ने एक कारखाने के निर्यात प्रबंधक, एक श्रीलंकाई नागरिक पर हमला किया और उसकी हत्या करने के बाद उसके शरीर को जला दिया.
ईशनिंदा की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोग फैक्ट्री के बाहर आसपास के इलाकों से जमा होने लगे. उनमें से ज्यादातर टीएलपी के कार्यकर्ता और समर्थक थे. अधिकारी ने कहा, "भीड़ ने संदिग्ध (श्रीलंकाई नागरिक) को कारखाने से खींच लिया और उसे गंभीर रूप से प्रताड़ित किया. उसके घावों के कारण दम तोड़ देने के बाद, भीड़ ने उसके शरीर को जला दिया, इससे पहले कि पुलिस वहां पहुंचती. सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान ने 1947 से देश में ईशनिंदा के कुल 1,415 मामले दर्ज किए हैं.
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