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भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े उत्साव और धूमधाम से मनाया
जाता है। यह त्योहार हर साल जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन लोग सूरज की
पूजा करते है, पतंग
उड़ाते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर तिल और गुड़ के
लड्डू खाने का विशेष महत्व होता है और यह परंपरा कई सालों पुरानी है। क्या आपको
पता है कि ये पंरपर क्यों मनाई जाती है? आइए इसका कारण जानते है।
त्योहार का महत्व
मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक
माना जाता है। उत्तरायण का आरंभ भी इसी दिन से होता है। आज से दिन बड़े होने लगते
हैं।
तिल-गुड़ की पंरपरा
धार्मिक महत्व: तिल और गुड़ का सेवन करने से सूर्य देव प्रसन्न
होते हैं। एक कथा के अनुसार शनि देव ने सूर्य देव को तिल और गुड़ का भोग लगाया था।
तभी से इस परंपरा को मनाया जाता है।
· तिल के स्वास्थ्य लाभ: तिल में विटामिन ई, कैल्शियम, और प्रोटीन होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है।
· गुड़ के स्वास्थ्य लाभ: गुड़ में आयरन, कैल्शियम, और पोटैशियम होता है जो शरीर के लिए आवश्यक है।
· पाचन तंत्र: तिल और गुड़ पाचन तंत्र के लिए
फायदेमंद है।
· हृदय स्वास्थ्य: तिल और गुड़ का सेवन हृदय
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
· कैंसर रोकथाम: तिल और गुड़ का
सेवन कैंसर के रोकने में मदद करता है।
यह परंपर कई सालों से चलती आ रही है। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
है। इसलिए इस दिन तिल और गुड़ के व्यंजन जरुर बनाए जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और
गुड़ का सेवन नई शुरुआत और आशा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग अपने परिवार और
दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मानते है। लेकिन इसके
तरीके और रीति-रिवाज अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से मनाए जाते हैं।
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