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इस समय भारत कोरोनावायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है. हर जगह कोविड के चलते हाहाकार मचा हुआ. जहां एक महीने में कोरोना से न जाने कितने लोगों की मौत वेंटिलेटर की कमी के कारण हो गई. वहीं कई जगह वेंटिलेटर्स धूल मिट्टी खा रहे है. ऑक्सीजन सिलेंडर कबाड़ बन चुके हैं.
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बता दें कि बीकानेर को पीएम केयर फंड से दिसंबर 2020 में चालीस वेंटिलेटर मिले थे. इनमें से बीस वेंटिलेटर को इंस्टॉल करवा लिया गया, लेकिन सिर्फ बीस को वैसे ही छोड़ दिया. जो बीस चालू कराए थे उनमें भी पांच खराब हो गए. ऐसे में पच्चीस वेंटिलेटर्स का कोई उपयोग नहीं हो रहा था. इस बात की जानकारी यूनियन मिनिस्टर ऑफ अर्जुनराम मेघवाल को मिली. उन्होंने दिल्ली में वेंटिलेटर की कंपनी के एमडी से बातचीत की. कंपनी ने दिल्ली से इंजीनियर्स की टीम भेजी ताकि वेंटिलेटर को ठीक करके फिर से इंस्टॉल किया जा सके और उनकी यह पहल रंग भी लाई.
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सभी इंजीनियर्स ने युवाओं के साथ मिलकर महज़ 24 घंटे के अंदर 20 वेंटिलेटर इंस्टॉल कर दिए. इसी के साथ जिले में स्थित पीबीएम अस्पताल में आने वाले मरीजों को इनका लाभ मिल सकेगा.
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