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हिंदू पंचांग के मुताबिक आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर साल दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू के लिए ये बेहद ही खास त्योहार है। ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। यहीं वजह है कि लोग इस दिन को विजयादशमी के तौर पर भी मनाते हैं। ऐसे में यदि आप जानना चाहते हैं कि दशहरा का पर्व पर किसी तरह से आप पूजा करें तो इसके शुभ मुहूर्त के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
जानिए कब मनाया जाएगा दशहरा
दशमी तिथि का आरंभ: 12 अक्तूबर प्रातः 10 बजकर 58 मिनट पर
तिथि का समापन: 13 अक्तूबर 2024, प्रातः 09 बजकर 08 मिनट पर
श्रवण नक्षत्र 12 अक्तूबर को सुबह 5:00 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्तूबर को सुबह 4:27 मिनट पर समाप्त हो रहा है।
कैसे और किस तरह से करें दशहरा वाले दिन पूजा
- दशहरा वाले दिन आप सूर्योदय से पहले नहा ले और भगवान श्री राम, माता सीता और हनुमान जी का ध्यान करें।
- इस दिन गाय के गोबर से 10 गोले बनाकर उसमें ऊपर से जौ के बीच लगाए जाते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि ये गोले लालच, क्रोध और अंहकार का प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन भगवान राम की पूजा करने के बाद इन गोलों को जला दिया जाता है।
दशहरा पर क्या करें-
1. विजयी मुहूर्त में आप शास्त्र पूजा करते हैं तो इससे शत्रुओं का नाश होता है।
2. शमी के पेड़ की पूजा यदि आप इस दिन करते हैं तो इससे आपको शनिदोष से मुक्ति मिलती हैय़
3. इसके अलावा दशहरे की पूजा में यदि आप शमी के पत्ते को चढ़ाते हैं तो इससे आर्थिक लाभ होता है।
4. वहीं, दशहरा वाले दिन नीलकणठ पक्षी के यदि आपको दर्शन हो जाते हैं तो इससे किस्मत के ताले खुल जाते हैं। साथ ही धम की प्राप्ति होती है।
5. इस दिन आप अपने घर के ईशान कोण में रोली, कुमकुम या लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करके अष्ट कमल का चित्र बनाएं। ऐसा करने से देवी मां काफी खुशी होती है।
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