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आजकल लोग जिस तरह की लाइफस्टाइल जी रहे हैं, उसमें शांति की बजाए मानसिक तनाव और निगेटिव थॉट्स ज्यादा है। आप भी ऐसी ही चीजों से गुजर रहे हैं तो सावधान रहें। आपके दिमाग में भी हमेशा बुरे ख्याल आते हैं, तो ये आपकी मेंटल हेल्थ के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। निगेटिव थॉट्स कई वजहों के चलते आ सकते हैं जिनमें काम का दबाव, निजी परेशानी, सामाजिक परिस्थितियां और पुरानी यादें शामिल है। आप एक तरह का प्रेशर फील करने लगते हैं।
पॉजिटिव सोचना है जरूरी
निगेटिव थॉट्स को हराने के लिए सबसे पहले अपनी सोच में बदलाव लेकर आइए। जब भी निगेटिव थॉट्स आएं, तो उन्हें पॉजिटिव सोच के साथ बदलने की कोशिश करें।
मेडिटेशन में हल
मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग तकनीकें तनाव कम करने और दिमाग को शांत करने में मदद करती हैं। रोजाना 10-15 मिनट मेडिटेशन करें। व्यायाम या योग करें। यह आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। वॉक पर जाएं, दौड़ लगाएं, या कोई खेल खेलें।
अच्छी नींद से दूर करें बुरे विचार
सही और अच्छी नींद लेने से निगेटिव थॉट्स में सुधार होता है। सोने से पहले मोबाइल और टीवी बंद कर दें ताकि नींद अच्छी आए।
अपने शौक पर दें ध्यान
वो काम करें जो आपको खुश करते हैं, जैसे कि किताबें पढ़ना, पेंटिंग करना, या संगीत सुनना। इससे आपका मन प्रसन्न रहेगा और निगेटिव थॉट्स कम होंगे।
सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं
उन लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको खुश और प्रेरित करते हैं। ऐसे लोग आपके मनोबल को बढ़ाते हैं और निगेटिव थॉट्स से दूर रखते हैं।
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