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Mental Health: बढ़ती उम्र के साथ नया रूप ले लेती है मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, सामनें आए WHO के चौंकाने वाले आंकड़े

Mental Health Problems:आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई है, आज देश का हर दूसरा व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है। जिस पर ध्यान ना देने की वजह से यह कई बीमारियों का कारण बन जाती है। भारत के लोगों में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए डब्लूएचओ (WHO)की ओर से आंकड़ें जारी किए गए है। जो कि बेहद चिंतित करने वाले है।

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By Instafeed | स्वास्थ्य - 28 August 2023

Health News : आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई है, आज देश का हर दूसरा व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है। ध्यान न देने की वजह से यह कई बीमारियों का कारण बन जाती है। भारत के लोगों में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए डब्लूएचओ (WHO)की ओर से आंकड़ें जारी किए गए है। जो कि बेहद चिंतित करने वाले है। 

मानसिक समस्याएँ वैश्विक स्तर पर अपने पैर पसार रही है। दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग है जो मानसिक रूप से खुश और स्वस्थ है। ज्यादातर लोग अपने जीवन की परिस्थितियों से नाखुश है और हर वक़्त कुछ ना कुछ सोचते रहते है। जिसके वजह से उन्हें गंभीर मानसिक बीमारियां घेर लेती है। ऐसा माना जा रहा है, कि कोरोना संक्रमण के दौर के बाद से लोगों में मानसिक अवसाद अधिक देखने को मिला है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है, कि लगभग सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य से संबधित मामले दर्ज किए जाते है। आज देश का हर पांच में से एक व्यक्ति ऐसा है, जिसे भावनात्मक या व्यावहारिक रूप से समस्याएं है। देश में करीब 60 से 70 मिलियन लोग ऐसे है जो गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित है, जिसके कारण आत्महत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 

क्या कहते है  WHO के आंकड़ें? 

डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार, भारत में प्रति एक लाख लोगों पर आत्यहत्या करने वालों की संख्या चौंकाने वाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो औसतन 10.9 करीब ऐसे लोग है जो मानसिक रूप से इतना परेशान हो जाते है, कि उन्हें आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नज़र नहीं आता है, लोगों में बढ़ती इस तरह की गंभीर बीमारियों को देखते हुए जल्द ही आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।

बच्चों और युवाओं में लगातार बढ़ रहें आकंड़े

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, कि भारत में न सिर्फ युवा बल्कि कम उम्र के बच्चे भी मानसिक समस्याओं का सामना कर रहें है। राष्टीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NMHS) 2015-16 के अनुसार 18 साल से अधिक उम्र के लोगों में स्वस्थ संबंधित यह जोखिम बढ़ रहा है। ऐसा ज्यादातर अपनी बातें किसी से ना बताने, हर वक़्त चिंतित रहने और सोचने की वजह से होता है। इसके अलावा देश में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की सजकता और लोगों तक उपलब्धता की कमी भी इस तरह के जोखिमों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। 

टेली मानस से मिले चिंता बढ़ाने वाले आंकड़ें

बता दें, कि टेली मानस एक टोलफ्री हेल्पलाइन है, जिससे देश के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से कॉल पर अपनी समस्याएं बताकर जानकरी प्राप्त कर सकता है। इसके लिए आप 14416 या 18008914416 पर कॉल कर सकते है। टेली मानस को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल से सम्बंधित ऑनलाइन आंकड़े जुटाने के लिए स्थापित किया गया है। हाल ही में, टेली मानस सेल इंदौर द्वारा सामनें आए आकड़ों के मुताबिक मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित मदद के लिए कॉल करने वाले लोगों में 80 फीसद से अधिक लोग ऐसे थे जो कि 18 से 45 आयु वर्ग के अंतर्गत आते है। इसके मुताबिक इस उम्र के लोग ज्यादतर स्वास्थ्य समस्याओं से घिरे हुए है। इन पर डिप्रेशन (Depression), अवसाद (Anxiety), पारिवारिक समस्याएं (Family Problems) आदि मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है।

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