ब्लड कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो बेहद ही खतरनाक होती है इसे ल्यूकेमिया भी कहते हैं। अगर ब्लड कैंसर के बारे में जाने तो इसकी शुरुआत धीरे-धीरे अस्थि मज्जा में होती है और धीरे-धीरे पूरा संक्रमण खून में फैल जाता है। यह तो हम सभी जानते हैं कि ब्लड कैंसर कितना खतरनाक होता है। ब्लड कैंसर की शुरुआत अस्थि मज्जा में होती है और फिर धीरे-धीरे इसका संक्रमण खून में फैल जाता है। अगर ब्लड कैंसर का समय से पता चल जाए तो जान आसानी से बचाई जा सकती है। हालांकि, अगर आखिरी स्टेज में इसका पता चल जाए तो जान बचाना बहुत मुश्किल होता है।
मरीज की त्वचा पर कई लक्षण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण त्वचा पर दिखाई देते हैं। कई बार ऐसा होता है कि ब्लड कैंसर की पहचान करना मुश्किल हो जाता है इस तरह से इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं प्रभावित होने लग जाती हैं। जिसके कारण शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद हो जाता है। ब्लड कैंसर की शुरुआत में मरीज की त्वचा पर कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिसे नजरअंदाज करना बहुत मुश्किल है. इसलिए, समय पर निदान और उपचार बहुत मुश्किल है।
आपको बता दे की ब्लड कैंसर या फिर ल्यूकेमिया के मरीजों की त्वचा का रंग धीरे-धीरे बदलने लग जाता है। यही कारण है कि शरीर का रंग पीला पड़ने लग जाता है शरीर ही नहीं आंखें भी पीली हो जाती हैं। अगर कोई व्यक्ति ल्यूकेमिया से पीड़ित है तो त्वचा पर हल्की सी चोट लगना भी अत्यधिक दर्द देता है इतना ही नहीं ब्लड कैंसर धीरे-धीरे ल्यूकेमिया कतीस नामक बीमारी का भी कारण बन जाता है।
कैंसर रोगी का परीक्षण
अगर आप अपना ब्लड कैंसर से बचाव करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने होंगे सुधार करना होगा और स्वस्थ आहार लेना होगा, ताकि आप डॉक्टर के पास जाकर कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाना होगा आपको बता दे कि जब एक ब्लड कैंसर रोगी का जांच किया जाता है तो उसकी बायोप्सी की जाती है। इस तरह से कैंसर की पहचान होती है इसके अलावा अच्छी जीवन शैली और खान-पान के जरिए आप इस बीमारी से बचाव कर सकते हैं।
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