ऐसे होती है ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत, बिल्कुल न करें नजरअंदाज

ब्रेन ट्यूमर एक सबसे गंभीर बीमारी है इसको हल्के में ना लिया जाना चाहिए। इस बीमारी के बारे में डॉक्टर कहते है कि आज के समय में ब्रेन ट्यूमर सबसे बड़ी बीमारी बन चुकी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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ब्रेन ट्यूमर एक सबसे गंभीर बीमारी है इसको हल्के में ना लिया जाना चाहिए। इस बीमारी के बारे में डॉक्टर कहते है कि आज के समय में ब्रेन ट्यूमर सबसे बड़ी बीमारी बन चुकी है। ब्रेन ट्यूमर का शुरुआती जिक्र सबसे डरावना है इस बारे में डॉक्टर ने सलाह दी है की इसे हल्के में लेना सही नही है। इसकी शुरुआत आपके सिर में हल्के दर्द से होती है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है यह दर्द बढ़ने लगता है।

ब्रेन ट्यूमर का इलाज नहीं

आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्रेन ट्यूमर का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इस रोग के तीन चरण होते हैं। अगर समय रहते इस बीमारी का पता चल जाए तो आपकी जान बचाई जा सकती है, लेकिन अगर आप इसके लक्षणों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं तो आप भगवान भरोसे हैं।

ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत 

ब्रेन ट्यूमर की बात करें तो यह कई प्रकार के होते हैं। कई ब्रेन ट्यूमर कैंसर का कारण भी बन जाते हैं। आपको बताएंगे कि ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत सर से होती है जिसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। अगर यह शरीर के दूसरे हिस्से से शुरू होकर मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो इसे सेकेंडरी या मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है।

प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

पहले सिर में हल्का दर्द होता है, जो समय के साथ बढ़ता है, चक्कर आना, उल्टी होना, आंखों की रोशनी कम होना या धुंधली दृष्टि, हर चीज़ दोहरी दिखाई देना, हाथ-पैरों में हमेशा सनसनाहट महसूस होना। कुछ भी याद रखने में समस्या, बोलने या समझने में समस्या, सुनने, स्वाद या गंध में समस्या, मूड में बदलाव, लिखने या पढ़ने में समस्या।

मस्तिष्क की संरचना

सीटी स्कैन की मदद से मस्तिष्क के अंदर के सभी हिस्सों की तस्वीरें ली जाती हैं। ब्रेन ट्यूमर के सही इलाज के लिए सबसे पहले इमेजिंग टेस्ट किया जाता है। मस्तिष्क की संरचना से जुड़ी सारी जानकारी रेडियो सिग्नल की मदद से ली जाती है। एंजियोग्राफी परीक्षण में डाई का उपयोग इंजेक्शन के रूप में किया जाता है।

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