शरीर को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर हमेशा से साफ और स्वस्थ फेफड़ों की वकालत करते रहे हैं, लेकिन कई बार व्यक्ति को इसका एहसास नहीं होता और फेफड़े संक्रमित होकर खराब हो जाते हैं। इस तरह से अगर आप चाहे तो आसानी से अपने कैफ का रंग देखकर फेफड़ों में होने वाली बीमारी का पता लगा सकते हैं। जी हां, कफ जिसे बलगम भी कहा जाता है, कई बार इसके जरिए आप अपने शरीर में होने वाली बीमारियों के बारे में भी पता लगा सकते हैं। आइए आज जानते हैं कि कफ का रंग देखकर आप कैसे जान सकते हैं कि आपके फेफड़े अच्छी स्थिति में हैं या नहीं।
सफेद रंग का कफ
अगर आपको सफेद रंग का कफ मिल रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपको सफेद कैफ आता है तो यह टीवी का संकेत है। इस रंग के कफ से पता चलता है कि आपके फेफड़े संक्रमित हो रहे हैं और टीबी या अस्थमा का खतरा हो सकता है।
कफ का रंग सुनहरा
अगर आपके कफ का रंग सुनहरा दिखता है और वह चिपचिपा है तो इसका मतलब है कि आप साइनसाइटिस से पीड़ित हैं। अगर आपकी खांसी में काले धब्बे या कण दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके फेफड़े प्रदूषण से काफी प्रभावित हुए हैं। ये धूल और प्रदूषण के कण होते हैं जो फेफड़ों में जमा हो जाते हैं।
कफ का रंग हल्का पीला
अगर कफ का रंग हल्का पीला या हरा दिखाई दे तो यह फेफड़ों में संक्रमण का संकेत है और संभव है कि आपका शरीर टीबी का शिकार हो गया है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कफ का रंग लाल या गुलाबी
अगर आपके कफ का रंग लाल या गुलाबी है तो आपको समझ जाना चाहिए कि फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं से खून निकल रहा है। ऐसा तब होता है जब नाक और गले में संक्रमण हो जाता है। कभी-कभी नासिका मार्ग में सूखापन के कारण भी ऐसा हो सकता है।
काले रंग का कफ
काले रंग का कफ उन लोगों को आता है जो बहुत अधिक धूम्रपान करते हैं। फेफड़ों में गंदगी और धूम्रपान के कण भर जाने से काला कफ उत्पन्न होता है। कई बार कोरोना से पीड़ित लोगों के बलगम में काले रंग का बलगम आने की शिकायत सामने आई है. धूम्रपान करने वालों को ऐसा कफ दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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