बॉलीवुड फिल्मों के कुछ किरदार ऐसे हैं जिनसे लोगों को कुछ न कुछ चीजें जरूर सीखनी चाहिए। जोकि उन्हें आगे बढ़ाने और अच्छा इंसान बनाने के लिए काफी है।
बॉलीवुड में जितने भी एक्टर्स हैं उनकी छवि मस्कुलर और हैंडसम हीरो के तौर पर बड़े पर्दे पर दिखाई जाती है। बहुत कम ऐसा किरदार हमने हीरो से संबंधित देखे हैं जोकि असल जिंदगी में बाकी मेल फैंस को अपनी और प्रभावित करते हैं। हमने बड़े पर्दे पर कम ही ऐसे किरदार देखे हैं जिनसे लोग प्रेरित होकर आगे बढ़ना चाहते हैं।
फिल्मी दुनिया में कई ऐसे किरदार मौजूद है जिन्होंने लोगों पर काफी ज्यादा प्रभाव डाला है। हम आपसे ये नहीं कह रहे हैं कि आप उन किरदारों की तरह बनो लेकिन उनसे कुछ अच्छी और बेहतरीन चीजे आप अपना सकते हैं। आइए आपको बताते हैं उन किरदारों के बारे में यहां।
सनी- दिल धड़कने दो
फिल्म दिल धड़कने दो का एक सीन तो आपको याद होगा कि जब सनी लड़का और लड़कियों के बीच समानता और उनके समान अधिकारों को लेकर सबके सामने अपनी बात रखता है। साथ ही बताता है कि लड़कियों को काम करने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं होनी चाहिए। जोकि ये साफ तौर पर दर्शाता है कि सनी कितना ओपन माइंडिड पर्सन है। उन्होंने साफ तौर पर ये समझाया कि यदि महिलाओं को काम करने की अनुमति किसी व्यक्ति या फिर आदमी द्वारा दी जाती है, तो यह समाज में वास्तविक प्रगति नहीं है, यहां शक्ति असंतुलन नहीं होना चाहिए। वैसे हर लड़के की सोच इस तरह की हो जाए तो हमारा समाज सही में काफी तरक्की करेगा।
एमसी शेर- गली बॉय
गली बॉय में रणवीर सिंह की बेहद ही शानदार एक्टिंग रही है। वहीं, सिद्धांत चतुर्वेदी ने एमसी शेर के किरदार को निभाकर सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने इस फिल्म में सचे दोस्त की भूमिका बेहद ही शानदार तरीके से निभाई है। एमसी शेर को इस बात का पूरा विश्वास था कि उनके दोस्त मुराद में बेहतरीन टैलेंट है। इसी की बदौलत वो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। एमसी शेर इसमें मुराद से किसी भी पल जलन करता हुआ दिखाई नहीं देता।फिल्म के आखिर में एमसी शेर फाइनल तक नहीं पहुंच पाता लेकिन वो अपने दोस्त को आगे बढ़ने के लिए प्रोसाहित करता है।
जय- जाने तू या जाने ना
टॉक्सिक मर्दानगी के बारे में हम जानना ही नहीं चाहते हैं। लेकिन यहां हम बात करेंगे फिल्म जाने तू या जाने ना फिल्म के किरदार जय की। एक ऐसा किरदार जो कभी भी आखिर आने पर निराश नहीं होता क्योंकि वो हंसते-हंसते सभी चीजों को हैंडल करता है और बेहद ही अच्छा लड़का है। वो अपनी मां और दोस्तों से प्यार करने वाला लड़का है। वह कभी नहीं लड़ता है क्योंकि उसकी मां वो नहीं चाहती है। सिर्फ उसने एक बार हाथ उठाया था वो भी उसके लिए जिसे वो प्यार करता है। जय एक ऐसा लड़का है जिसके साथ हर लड़की बिना किसी डर के खुशी के साथ घूम सकती है। वो अपने आप में बेहद ही कम्फर्टेबल इंसान है।
चंपक- अंग्रेजी मीडियम
फिल्म अंग्रेजी मीडियम अपने आप में ही बेहद खास है क्योंकि इसमें आखिरी बार हमें एक्टर इरफान खान की एक्टिंग और झलक दोनों देखने को मिली है। इस फिल्म में एक सिंगल फादर के जिदंगी के उतार-चढ़ाव को आसानी से दर्शाया है। जोकि कभी भी अपनी बेटी को हारते हुए देखना नहीं चाहता। पूरी फिल्म में हम देख सकते हैं कि कैसे वो अपनी बेटी के हर सपने को पूरा करने के लिए अपनी जी-जान लगा देता है। यहां तक की वो दूसरे देश की पुलिस को भी चकमा देने का काम करता है।
करण-लक्ष्य
फिल्म लक्ष्य लोगों को काफी ज्यादा पसंद आई थी। इस फिल्म में लीड एक्टर ऋतिक रोशन ने करण नाम का किरदार निभाया था। जो पहले बहुत ही ज्यादा आलसी और बिना किसी लक्ष्य की अपनी जिंदगी जी रहा होता है। लेकिन बाद में वो एक मेहनती आर्मी मैन के रुप में खुद को परिवर्तित करता है। उसकी जर्नी हर किसी को कुछ न कुछ सिखाती जरूर है।
अर्जुन-नमस्ते लंदन
नमस्ते लंदन एक ऐसी फिल्म है जोकि हर किसी को पसंद आती है। इस फिल्म में अक्षय कुमार ने अर्जुन नाम के एक लड़के का किरदार निभाया था जोकि एक छोटे से शहर का रहना वाला लड़का था उसकी शादी ब्रिटिश की रहने वाली एक लड़की के साथ हो जाती है। जब अर्जुन को ये पता लगता है कि उस लड़की के लिए ये शादी एक शर्म और एक खेल की तरह है तभी उसके मन में लड़की के प्रति किसी भी तरह की नकारात्मक भावना पैदा नहीं होती और न ही उसके मन में लड़की के लिए कम इज्जत कम होती है। वो लड़की को खुद के प्यार में पड़वाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। इस फिल्म में दिखाई गई सभी चीजें नैचुरल है।