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जागरुकता फैलाने में शीना चौहान के साथ शामिल हुए सोनाक्षी सिन्हा,
अनुष्का सेन, नंदिता दास और रुचि नारायण
मुंबई (निशा रावत): मानवाधिकार दिवस पर सोनाक्षी सिन्हा, अनुष्का
सेन,नंदिता दास और रुचि नारायण ने शीना चौहान को ‘रीड मी राइट्स’ नामक वीडियो की एक श्रृंखला शुरु करने
में मदद की, जहां कलाकार मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सार्वभौमिक घोषणा से उनके
लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकार ऑनलाइन पढंते और पोस्ट करते हैं।
ये कलाकार प्रीति जिंटा,रवीना टंडन,सोनू सूद, इम्तियाज आली ,गुनीत
मोंगा, संजना सांघी और कई अन्य लोगों की सूची में शामिल हो गए, जिन्होने शीना के
साथ काम किया है ताकि मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र सार्वभौमिक घोषणा से विभिन्न अधिकारो के प्रति जागरुकता
लाने में मदद मिल सके।
प्राति जिंटा और गुनीत मोंगा ने महिलाओं के अधिकारों के बारे में
जागरुकता फैलाने का फैसाल किया। जिसमें सोनू सूद ने भोजन और आश्रय का अधिकार
,रवीना टंडन ने निष्पक्ष और स्वतंत्र दुनिया का अधिकार ,इम्तियाज अली ने विचार
की स्वतंत्रता ,संजना ने खेलने का अधिकार
और टिस्का चोपड़ा ने जीवन का अधिकार चुना ।
संयुक्त राष्ट्र कि घोषणा से शिक्षा का अधिकार पढ़ने के बाद सोनाक्षी
सिन्हा ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षित होने का मतलब है जागरुक होना और जागरुक होना एक
महाशक्ति है। एक बार जब आपके पास वह शक्ति हो जाती है तो आप दूसरों को शिक्षित
करके इसे आगे बढ़ा सकते है। ये अधिकार प्रेम ,सहानुभूति, करुणा और सभ्दाव की भावना
स्थापित करते है,जो मुझे वास्तव में लगता है कि समय की आवश्यकता है । शिक्षा वास्तव
में एक ऐसी चीज है जो इस दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकती है।
अनुष्का सेन ने कहा,”शिक्षा का अधिकार बहुत महात्वपूर्ण है क्योंकि यह
अपके जीवन नें अन्य सभी कार्यों का आधार है। शिक्षा आपको एक व्यक्तित्व के रुप में
आकार देती है और भविष्य में आप क्या बनेगें,उसे आकार देती है।
नंदिता दास ने कहा, “ अधिकार भेदभाव न करें एकमात्र तरीकै है जिससे हम
एक शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण दुनिया बना सकते है। यही हमें इंसान बनाता है –यही हमें
दयालु बनाता है- जब हम उस दुनिया कि परवाह करते है जिसमें हम रहते है। जब हम भेदभाव
करते है तो हम दूसरे का निर्माण करते है,हम दूसरे से डरते है हम अन्यीयपूर्ण हो
जाते है और हम हिंसा को उचित ठहारते है।
रुचि नारायण ने कहा,” जिम्मेदारी का अधिकार इतना महत्वपूर्ण है –यह सशक्त
बनाने वाला है क्योंकि इसका मतलब है कि हम अपने भविष्य के निर्माण में सक्रिय भागीदार
है और यह स्वीकार करते है और हमारे आसपास की दुनिया में हमारी भूमिका है और हम
अपने बच्चों और आने वीली पीढ़ियों के लिए क्या छोड़ते हैं।
अभियान के बारे में शीना चौहान ने कहा,” मानवाधिकार केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं
हैं ,वे गरिमा और स्वतंत्रता की नींव है। ‘ रीड मी माई राइट्स ‘ के माध्यम से,
हमारा लक्ष्य इन अधिकारो को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक जीवित ,सांस लेने वाला
हिस्सा बनाना है।
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