रेल नेटवर्क के मामले में भारतीय रेल चौथे नंबर पर आती है. लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिदिन 13,000 से अधिक ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं. अनुमान के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर यानी 2.4 करोड़ लोग हर दिन ट्रेनों में सफर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में सवार होते ही यात्रियों को कुछ ऐसे अधिकार मिल जाते हैं, जिनका वे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
आरक्षित टिकट
अगर कोई यात्री किसी भी श्रेणी के डिब्बे में यात्रा कर रहा है और उसके पास आरक्षित टिकट है, तो उसे 5 महत्वपूर्ण अधिकार मिलते हैं. ज्यादातर यात्रियों को इसकी जानकारी भी नहीं होती है. ये अधिकार सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक से जुड़े हैं.
मेडिकल सुविधा की व्यवस्था
ट्रेन में लंबी दूरी तय करने के दौरान अगर आपकी तबीयत बिगड़ती है तो मेडिकल सुविधा की व्यवस्था करना रेलवे का काम है. टीटीई और अधीक्षक यात्री की हर संभव मदद करेंगे. आने वाले स्टेशन पर यात्रियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी दी जाएगी.
टिकट पर रिफंड
अगर आप सोचते हैं कि तत्काल टिकट पर रिफंड नहीं मिलता तो आप गलत हैं. इस पर भी रेलवे रिफंड देता है. लेकिन कुछ शर्तें हैं मसलन अगर ट्रेन के रूट में बदलाव हुआ है या ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट हुई है तो रिफंड दिया जाएगा.
सीट पर आपका अधिकार
मान लीजिए आपने ट्रेन में बुकिंग की है. जिस स्टेशन से आपको चढ़ना है, वहां से अगले दो स्टेशनों तक की सीट पर आपका अधिकार होगा. यदि किसी कारण से आप दूसरे डिब्बे में सवार हो गए हैं, तो अगले दो स्टेशनों के आने से पहले अपनी सीट पर पहुँच जाएँ. नहीं तो टीटीई आपकी सीट किसी और को दे सकता है.
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